– पुनीत जैन (पट्ठा) खातेगांव
मैंने यह कार्य किया, ऐसा मत कहो। काम तो सब हो रहे हैं, बस अपने-अपने दायित्व निभाते जाओ। संकल्प और विकल्पों की आवश्यकता ही नहीं होनी चाहिए। संयोजना सही होती है तो कार्य भी उसी के अनुरूप होता जाता है।
कर्म सिद्धांत को समझ कर अपने कर्तव्य को करते रहना चाहिए। शास्त्रों में कर्तव्य के बारे में बहुत कुछ बताया गया है। कर्तव्य हो कृतित्व ना हो, कषायों का उन्मूलन हो। हम अच्छे और धार्मिक कार्यों द्वारा ही कषायों को खत्म कर सकते हैं।
उक्त उद्गार नेमावर में विराजमान आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज ने चातुर्मास अवधि में सेवारत कार्यकर्ताओं के सम्मान समारोह के अवसर पर कहे। शनिवार को प्रातः काल की बेला में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की पूजा के अवसर पर चातुर्मास अवधि में सेवारत खातेगांव, हरदा, अजनास, संदलपुर, नेमावर बानापुरा, इंदौर के कार्यकर्ता और समाज जनों द्वारा आचार्य श्री जी को श्रीफल समर्पित किया गया।
वहीं ट्रस्ट कमेटी द्वारा कार्यकर्ताओं के सम्मान स्वरूप उनसे आचार्य श्री की पूजन में अष्टद्रव्य समर्पित करवाया गया। इस अवसर पर आचार्यश्री ने कहा कि आप कर्तव्य करेंगे तो सफलता निश्चित ही प्राप्त होगी। जिसका जैसा पुण्य होगा, कार्य भी वैसा ही होगा यह निश्चित है। अरिहंत देव द्वारा बताई गई विधि से कर्तव्य करेंगे तो हम भी कर्म को जड़ मूल से उखाड़ फेंकने में समर्थ होंगे। आप लोगों को नाम उल्लेख ज्यादा नहीं करना चाहिए। हमारा आशीर्वाद भी हमेशा कार्य के लिए होता है, कर्ता के लिए नहीं।
आचार्यश्री ने मोबाइल के दुरुपयोग और भविष्य में उससे होने वाली हानियों के बारे में बताते हुए कहा कि आज विद्यालयों में शिक्षक और शिक्षार्थी दोनों ही मोबाइल के कारण अपने मार्ग से भटक रहे हैं। मोबाइल का सीमित उपयोग होना चाहिए। बच्चों को इस अपव्यय से बचाना चाहिए। किंतु इसके लिए आवश्यक है कि पहले माता-पिता स्वयं इस मोबाइल रूपी बीमारी से बचे। बड़ी-बड़ी कंपनियों के सीईओ भी अपने बच्चों को मोबाइल के लगातार प्रयोग से रोकते हैं। आज लोग गर्भ में बच्चा आते ही उनके लिए मोबाइल खरीद लेते है, मोबाइल के कारण खान-पान रहन-सहन सब कुछ बिगड़ रहा है। मोबाइल समय, धन बुद्धि बुद्धी तीनों को प्रदूषित कर रहा है। अतः इन सब से बचने के लिए मोबाइल का प्रयोग सीमित करना होगा।
आचार्यश्री के वचनों से प्रेरित होकर विद्यासागर कॉलेज के संचालक आलोक जैन और हरदा नगर पालिका अध्यक्ष सुरेंद्र जैन सहित सैकड़ों श्रद्धालुओं ने सप्ताह में एक दिन मोबाइल का उपयोग नहीं करने का संकल्प लिया। इसके साथ ही सुरेंद्र जैन द्वारा आजीवन चाय एवं काफी का त्याग भी किया गया।
Jai Jinendra Ji
Namostu Bhagwan
Namostu Acharya Shree Ji
Namostu Gurudev
Jai Jai Gurudev
Jaikara Gurudev Ka Jai Jai Gurudev
Jai Ho Shri Acharya Bhagwan Vidyasagar Ji Maha Muniraj Ki Jai Ho
Jain Dharam Ki Jai Ho
Jainam Jayatu Shasanam…….
Jai Jinendra Ji
Namostu Bhagwan
Namostu Acharya Shree Ji
Namostu Gurudev
Jai Jai Gurudev
Jaikara Gurudev Ka Jai Jai Gurudev
Jai Ho Shri Acharya Bhagwan Shri Vidyasagar Ji Maha Muniraj Ki Jai Ho.