जबलपुर। समाज का एक बड़ा वर्ग लंबे समय से चिकित्सा एवं शिक्षा के समन्वित संस्थान के भाव रखकर आचार्यश्रीजी से बारम्बार निवेदन कर रहा था। इसी निवेदन के फलस्वरूप पूर्णायु आयुर्वेदिक चिकित्सालय एवं अनुसंधान विद्यापीठ का आशीर्वाद जबलपुर को मिला है।
इस संस्थान में 100 बेड का चिकित्सालय, औषधियों के अनुसंधान का केंद्र, प्राकृतिक चिकित्सा का केंद्र, आयुर्वेद महाविद्यालय (जो भविष्य में यूनिवर्सिटी का रूप लेगा) निर्मित होगा। यहां महाविद्यालय में आधुनिक आयुर्वेदिक चिकित्सा के साथ प्राचीन सर्वसिद्ध प्रचलित नाड़ी परीक्षण की पद्धति से चिकित्सक प्रशिक्षित होंगे। प्रतिवर्ष 200 चिकित्सकों को तैयार करने वाले इस महाविद्यालय में BAMS के कोर्स के साथ-साथ नाड़ी परीक्षण की कला में सिद्धहस्त किया जाएगा।
यहां संचालित होने वाले चिकित्सालय में भारतवर्ष के नामचीन आयुर्वेदिक चिकित्सक, राजवैद्य, नाड़ी वैद्य, प्राकृतिक चिकित्सा के जानकार जटिल से जटिल रोगों का उपचार करेंगे। औषधियों के अनुसंधान केंद्र में सतत शोध करके जड़ी-बूटियों से शुद्ध एवं प्रभावशाली औषधियां निर्मित की जाएंगी। ये औषधियां जटिल से जटिल रोगों पर तुरंत प्रभावशाली होंगी।
इस संस्थान को विश्वस्तरीय बनाने हेतु उच्च मानकों पर कार्य किया जाएगा। अब समाज के प्रत्येक वर्ग से अपील है कि जो चिकित्सा एवं शिक्षा के क्षेत्र में दान की भावना रखते हैं कि वे सभी इस संस्थान से अवश्य जुड़ें। जैन समाज अब इस संस्थान के रूप में भारत को बड़ी सौगात देने जा रहा है।