Patrika- 31/01/2020
एक साथ निकलेंगे 13 मंदिरों के गजरथ (31/01/0202)
इंदौर। शहर के पूर्वी क्षेत्र में आयोजित पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का समापन शनिवार को होगा। इस मौके पर पहली बार एक साथ 13 मंदिरों की गजरथ यात्रा दोपहर 1 बजे निकाली जाएगी। इसमें हजारों की संख्या में समाजजन शामिल होंगे। आयोजन की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
आयोजकों के मुताबिक इसमें आचार्य विद्यासागर महाराज अपने 38 सदस्यीय संघ और 110 ब्रह्मचारिणी बहनों के साथ शामिल होंगे। आयोजन की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। चल समारोह दिगंबर जैन सोशल ग्रुप और दयोदय चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में निकाला जाएगा। संस्थापक अध्यक्ष प्रदीपकुमारसिंह कासलीवाल और राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश लारेल ने बताया कि रथयात्रा गोयल नगर स्थित आयोजन स्थल की सात परिक्रमा लगाएगी।
इसमें आकर्षण का केंद्र 13 मंदिरों के गजरथ होंगे और इन पर हर मंदिर के श्रीजी विराजमान होंगे। राष्ट्रीय महासचिव राकेश जैन विनायका और रमेश बड़जात्या के अनुसार यात्रा में 110 मंदिरों के प्रतिनिधि और 50 से अधिक सामाजिक संगठन भी शामिल होंगे। यात्रा में पांचहजार इंद्र-इंद्राणी भी चलेंगे। 350 प्रतिमाओं का हुआ दीक्षा संस्कारः पंचकल्याणक महोत्सव के चौथे दिन गुरुवार को 350 प्रतिमाओं का दीक्षा संस्कार हुआ। दीक्षा संस्कार आचार्य विद्यासागर महाराज ने दिया। भगवान के माता-पिता संजय मैक्स और नीलू जैन बने। इस अवसर पर विनय भैया, सुनील भैया, नरेंद्र जैन मौजूद थे।
Source : Naidunia
ऐरावत रथ पर सवार हुए आदिकुमार
इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। शहर के पूर्वी क्षेत्र स्थित चमेली देवी पार्क गोयल नगर में बुधवार को भगवान के जन्म कल्याणक का उल्लास छाया हुआ था। पहले श्रीजी का अभिषेक और पूजन किया गया। इसके बाद वाद्ययंत्रों के स्वर लहरियों के बीच आदिकुमार के जन्म की मंगल घोषणा हुई। इस अवसर पर इंद्रइंद्राणी सहित समाजजन हर्ष से झूम उठे। इस अवसर पर जन्म कल्याणक जुलूस भी निकाला गया।
दिगंबर जैन महासमिति के तत्वावधान में निकले जुलूस में सैकड़ों की संख्या में समाजजन शामिल हुए। इसमें विभिन्ना शहरों से आए आठ रथ भी चल रहे थे। इंद्र रथ पर और सौधर्म इंद्र ऐरावत रथ पर आदिकुमार को लेकर बैठ हुए थे। पीछे इंद्र परिवार बग्घ्यिों में था। गोयल नगर से जुलूस पहले संविद नगर जैन मंदिर पहुंचा। यहां 1008 कलश से भगवान का महामस्तकाभिषेक किया गया। इसके बाद जुलूस पुनः आयोजन स्थल पर आया। इस अवसर पर आयोजित प्रवचनमाला में आचार्य विद्यासागर महाराज ने कहा कि अभी दो रंग के साथ अंतरंग की अभिव्यक्ति देखने व समझने को मिली। आत्मा का स्वरूप चित्र से रहित विचित्र है। आज लोग चित्र में ही दुनिया समझ रहे हैं। काला और सफेद दो हीरंग हैं। दो पक्ष एक कृष्ण और शुक्ल है। इसमें ही जीवन पूरा हो जाता है।
पहले दो रंग को भूलकर आज विचित्र में फंसे हुए हैं। आज हम एक ऐसे व्यक्तित्व का जन्म उत्सव मना रहे हैं। आप ऐसे व्यक्तित्व से क्या लेना चाहते हो। आप तो सोए थे, उन्होंने आपको जगाया। आज तीर्थंकरों के जन्म का आनंदोत्सव देव ने मनाया। अंतरंग और बहिरंग दोनों में रंग है। बिल्कुल सफेद, बिल्कुल काला, दोनों ही अच्छे नहीं लगते हैं। दर्पण में देखते हैं तो हम नजर नहीं आते हैं। ऊपर का कवच देखकर ही हम पागल हो जाते हैं। तीर्थंकर का वह व्यक्तित्व, जो आपकोप्रभावित करता है, लेकिन वे किसी से प्रभावित नहीं होते हैं। वृद्ध-समृद्ध सब उनसे से प्रभावित पर उन पर किसी का प्रभाव नहीं है। इ स अवसर पर दिगंबर जैन महासमिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक बड़जात्या, डीके जैन, मनीष अजमेरा, दिलीप पाटनी, सत्यनारायण पटेल, आनंद कासलीवाल, राहुल जैन, सचिन जैन, अर्पित पाटोदी आदि मौजूद थे।
Source : Naidunia
Patrika : 30/01/2020
माया, मिथ्या व निदान से बचना सभी के लिए जरूरी : आचार्यश्री (29/01/2020)
इंदौर। मंदिरों के पंच कल्याणक महोत्सव के अंतर्गत मंगलवार को जन्म उत्सव मनाया गया। सुबह शुद्धिकरण के साथ श्रीजी की स्थापना, अभिषेक, शांतिधारा, नित्य नियम की पूजा की गई। महोत्सव के दौरान आचार्यश्री विद्यासागर ससंघ चमेली देवी पार्क पहुंचे। विदुर नगर में एक परिवार ने आचार्यश्री के पाद प्रक्षालन किए।
दयोदय चेरिटेबल फाउंडेशन के कमल अग्रवाल ने बताया कि सुबह साढ़े ग्यारह बजे भगवान की माता मरूदेवी की गोद भराई का कार्यक्रम किया गया। दोपहर डेढ़ बजे तक हुए कार्यक्रम में हजारों परिवारों ने मंगल आशीष प्राप्त किया। इसके बाद राग से वैराग्य की प्रस्तुति दी गई। दोपहर ढाई बजे आचार्यश्री ससंघ मंच पर विराजे। प्रतिभास्थली ज्ञानोदय विद्यापीठ की छात्राओं ने मंगलाचरण के तहत ‘हिंदी हमारी मातृभाषा है’ पर प्रस्तुति दी।
उन्होंने बताया कि दोपहर को घटयात्रा जुलूस, नवीन मंदिर बेदी शिखर शुद्धिकरण संस्कार किया गया। शाम को संगीतमय महाआरती व शास्त्र प्रवचन हुए। आचार्यश्री ने प्रवचन के दौरान कहा कि माया, मिथ्या व निदान से बचना सभी के लिए जरूरी है।तभी सम्यक दर्शन हो सकेगा। पैर में कांटा लगने पर हम लंगड़ाकर चलते हैं। सिर के बल नहीं चला जाता। चलना पांव से ही है। बुद्धि जाग्रत हो, तभी पैर आगे बढ़ाना चाहिए। तैरने के लिए नदी के पास उंचे स्थान पर चढ़ा जाता है। फिर वहां से छलांग लगाई जाती है। फिर गोता लगाना सीखते हैं। गहराई में जाने पर ही विषयों का ज्ञान होता है।
आज चमेली देवी पार्क से निकालेंगे जुलूस, तीर्थंकर भगवान का होगा महामस्तकाभिषेक
दिगंबर जैन महासमिति के अध्यक्ष सुरेंद्र जैन, महामंत्री जिनेश झांझरी, मध्यांचल अध्यक्ष डीके जैन के संयोजन में बुधवार को जन्म कल्याण जुलूस सुबह साढ़े ग्यारह बजे चमेली देवी पार्क से संविद नगर जैन मंदिर तक निकाला जाएगा। वहां 1008 कलशों से तीर्थंकर भगवान का महामस्तकाभिषेक होगा। जुलूस में अशोक बड़जात्या, नरेंद्र जैन, सचिन जैन, अर्पित पाटौदी, राहुल जैन, मनोज बाकलीवाल, प्रवीण दिवाकर, देव चौधरी व सचिन उद्योगपति शामिल होंगे।
Patrika : 28/01/2020
सीएम कमलनाथ से बोले आचार्य विद्यासागर, हथकरघा और आयुर्वेद को प्रोत्साहन की आवश्यकता (27/01/2020)
इंदौर। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इंदौर में जैन संत आचार्य विद्यासागर जी महाराज का पादप्रक्षालन किया। उनके चरण धोए और आशीर्वाद प्राप्त किया। जैन संत आचार्य विद्यासागर महाराज इन दिनों इंदौर में है।
प्रदेश में गौ शालाओं के निर्माण पर साधुवाद दिया
गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने इंदौर आए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज तिलक नगर जाकर आचार्य से भेंट की। आचार्य ने मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा प्रदेश में गौ शालाओं के निर्माण पर साधुवाद दिया। आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने इस अवसर पर कहा कि आज से पंच कल्याणक महोत्सव प्रारंभ हुआ है। विश्व शान्ति के उद्देश्य से होने वाले इस महोत्सव के पहले दिन मुख्यमंत्री का यहां आना एक सुखद संयोग है।
आचार्य ने कहा कि इसका पुण्य उन्हें और राज्य को भी मिलेगा। आचार्य श्री ने मुख्यमंत्री से चर्चा के दौरान हथकरघा और आयुर्वेद को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता बतायी।
भेंट के दौरान श्री मुनि संघ, सुनील ब्रह्मचारी, विधायक संजय शुक्ला और विशाल पटेल सहित जैन समाज के प्रतिनिधि और संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी, कलेक्टर लोकेश जाटव, डीआईजी रुचिवर्धन मिश्र भी उपस्थित थी।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने इंदौर में गणंतत्र दिवस समारोह में भाग लिया और पारंपरिक परेड की सलामी ली।
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इंदौर के इतिहास में पहली बार 13 मंदिरों का पंचकल्याणक महामहोत्सव 26 जनवरी से शुरू होगा (26/01/2020)
इंदौर के इतिहास में पहली बार 13 मंदिरों का पंचकल्याणक महामहोत्सव 26 जनवरी से शुरू होगा। इसके लिए चमेलीदेवी पार्क, गोयल नगर में विशाल पंडाल तैयार किया गया है। दयोदय चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित इस महोत्सव की शुरुआत सुबह 11 बजे कनाड़िया रोड जैन मंदिर से जुलूस से होगी। जुलूस में 1100 महिलाएं कलश लेकर शामिल होंगी। 15 बग्घियों में पंचकल्याणक महोत्सव के मुख्य पात्र परिवार सहित विराजमान होंगे। जुलूस में आचार्यश्री ससंघ शामिल रहेंगे। जुलूस करीब ढाई किमी लंबा रहेगा। व्यवस्था के लिए पंचकल्याणक महोत्सव सहित 15 कमेटियों का का गठन किया है। इसमें अध्यक्ष नरेंद्र जैन, कार्याध्यक्ष संजय मैक्स, मनीष नायक, महामंत्री सचिन जैन, कोषाध्यक्ष मनोज बाकलीवाल, विशाल जैन को बनाया गया है।
महोत्सव में कब कौन से आयोजन होंगे
26 जनवरी- सुबह 7 बजे गुरुआज्ञा, आचार्य निमंत्रण नित्यमह अभिषेक, शांतिधारा पूजन। 7.30 बजे जाप स्थापना। दोपहर 11 बजे घटयात्रा एवं श्रीजी की शोभायात्रा जुलूस, ध्वजारोहण, मंडप प्रवेश मंडप उद्घाटन, मंडल शुद्धि, वेदी संस्कार शुद्धि अभिषेक। दोपहर 2.35 बजे ध्वजारोहण, आचार्यश्री के प्रवचन होंगे।
27 जनवरी- गर्भ कल्याणक (पूर्वार्द्ध) सुबह 6.30 बजे पात्र शुद्धि सकलीकरण, नंदी विधान इंद्र प्रतिष्ठा, नित्यमह पूजन आचार्यश्री का पूजन, आशीर्वचन। दोपहर 12 बजे याग मंडल विधान। 3 बजे महाराज श्री के प्रवचन। शाम 6.30 बजे संगीतमय महाआरती। शाम 7.30 बजे शास्त्र प्रवचन। रात 8.30 बजे सौधर्म इंद्र की इंद्रसभा, अष्ट देवियों द्वारा माता की परिचर्या, सोलह स्वप्न दर्शन। रात 11 बजे गर्भ कल्याणक की आंतरिक संस्कार क्रियाएं।
28 जनवरी- गर्भ कल्याणक (उत्तर्रार्द्ध) सुबह 6.30 बजे – पात्र शुद्धि, अभिषेक, शांतिधारा, नित्यमह पूजन, गर्भ कल्याणक पूजन, शांति हवन, आचार्यश्री की पूजन एवं आशीर्वचन। 11 बजे माता की गोद भराई, दोपहर 1 बजे घटयात्रा जुलूस, नवीन मंदिर वेदी शिखर शुद्धि संस्कार व दोपहर 1.15 बजे सांस्कृतिक कार्यक्रम। दोपहर 2.30 बजे आचार्यश्री के प्रवचन। शाम 6.30 बजे संगीतमय महाआरती, शास्त्र प्रवचन। रात 8 बजे नाभिराय राजदरबार, स्वप्नफल कथन अष्ट देवियों द्वारा माता की सेवा छप्पन कुमारियों द्वारा भेंट।
आचार्यश्री की पाठशाला : सबसे महत्वपूर्ण और मौलिक जिसकी कीमत नहीं आंक सकते…उसका नाम है समय
सबसे मौलिक वस्तु क्या है संसार में। भिन्न-भिन्न व्यक्तियों के लिए भिन्न-भिन्न हो सकती है, लेकिन हमारे विचार से सबसे महत्वपूर्ण और सबसे मौलिक जिसकी कोई कीमत नहीं आंक सकता वह समय है। यह बात आचार्यश्री धर्मसभा में कहीं।
पंचकल्याणक स्थल पहुंचे आचार्यश्री : शनिवार को आचार्यश्री पंचकल्याणक स्थल भी पहुंचे। वे कुछ देर यहां रुके। उन्होंने यहां प्रतिमाएं देखीं।
मुख्यमंत्री लेंगे आशीर्वाद: आचार्यश्री का आशीर्वाद लेने के लिए रविवार को सीएम कमलनाथ भी पहुंचेंगे। शनिवार को अधिकारियों ने आयोजन स्थल निरीक्षण किया।
- तीन पंडाल भोजन के लिए रहेंगे। एक में सामान्य लोग, दूसरे में व्रती, तीसरे में इंद्र-इंद्राणियों को व्यवस्था रहेगी।
- 50 सीसीटीवी कैमरों की रहेगी नजर
- चार एलईडी स्क्रीन लगाई गई हैं।
- रिंग रोड के समीप पार्किंग व्यवस्था है।
- 20 से ज्यादा सुरक्षा गार्ड तैनात रहेंगे
- विभिन्न शहरों से भगवान की प्रतिमाएं प्राण प्रतिष्ठा के लिए आ रही हैं। अब तक 400 से ज्यादा प्रतिमाएं आ चुकीं
सूरि मंत्र से पूजनीय होंगी प्रतिमाएं (26/01/2020)
इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। शहर में पहली बार 13 मंदिरों का पंचकल्याणक महोत्सव एक साथ होगा। इसमें 24 तीर्थंकरों की 400 मूर्तियां शामिल होंगी। मुख्य पंडाल में 20 हजार लोगों के लिए बैठक व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही तीन तरह की भोजनशाला में इंद्र-इंद्राणी, त्यागी वृत्तियों और जनसामान्य के लिए भोजन की व्यवस्था होगी।
तीर्थंकरों के जीवन में घटित होने वाली पांच घटनाओं के वर्णन और पूजन के बाद संत सूरि मंत्र देकर पाषाण की प्रतिमाओं को पूजनीय बनाएंगे।शहर के पूर्वी क्षेत्र स्थित चमेली पार्क गोयल नगर में दयोदय चेरिटेबल फाउंडेशन ट्रस्ट के संजय मेक्स और कोषाध्यक्ष कमल अग्रवाल ने बताया कि पंचकल्याणक में तीर्थंकरों के जीवन में घटित पांच घटनाओं का उल्लेख होगा। इसमें गर्भ कल्याणक, जन्म कल्याणक, दीक्षा कल्याणक, केवल ज्ञान कल्याणक, मोक्ष कल्याणक शामिल हैं। पहले दिन 26 जनवरी को सुबह सात बजे शांतिधारा पूजन होगा। दोपहर 12 बजे घटयात्रा और श्रीजी की शोभायात्रा निकाली जाएगी। दोपहर 2.35 बजे ध्वजारोहण और आचार्यश्री के प्रवचन होंगे।
इन जिनालयों का होगा पंचकल्याणक
कनाड़िया रोड जिनालय, वैभव नगर जिनालय, खातीवाला टैंक जिनालय, निर्वाणा जिनालय, शिखर जी ड्रीम्स कॉलोनी जिनालय, सुखलिया जिनालय, पंच बालयति जिनालय, तपोवन कॉलोनी जिनालय, जैसवाल समाज जिनालय, छावनी जिनालय, सलैया वाला जिनालय स्कीम नं 78, सुख-शांति नगर जिनालय, विदुर नगर जिनालय में पंचकल्याणक महोत्सव मनाया जाएगा
अतीत में कुछ भी हो इससे कोई मतलब नहीं, वर्तमान को देखो : विद्यासागरजी (25/01/2020)
अतीत में कुछ भी हुआ हो इससे कोई मतलब नहीं, अनागत में क्या होने वाला है चिंता क्यों करते हो। वर्तमान को देखो। वर्तमान में हमारे पास क्या नहीं है। 84 लाख योनियों में मनुष्य योनी बहुत महत्वपूर्ण है और लोगों को प्राप्त है। हम, आपने जितना किया है उतना तो मिलेगा ही। तराजू में जो डालोगे उसमें ऊपर की तरफ अपने आप ही पता चलेगा कि हमारा तौल इतना है, हमारा मौल इतना है। हमारी दृष्टि अपने कर्म व कर्म के उदय और आत्म तत्व की ओर हो जाए तो हाय-हाय समाप्त हो जाएगी। प्रसन्न मुद्रा तो है, प्रसन्न मन भी होना चाहिए। प्रसन्न बाहर से नहीं, भीतर से होता है।
यह बात आचार्य विद्यासागर महाराज ने शुक्रवार को तितलक नगर में धर्मसभा में कही। धर्मसभा में दयोदय चेरिटेबल ट्रस्ट के सचिन जैन, राहुल जैन, नरेंद्र जैन बीड़ीवाले, मनीष नायर, अर्पित पाटोदी आदि उपस्थित थे। आचार्यश्री के चरणों के पाद प्रक्षालन का सौभाग्य राजेंद्र जैन वास्तु परिवार को प्राप्त हुआ। कई सामाजिक संगठनों ने श्रीफल भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
दोपहर में चमेली पार्क पहुंचे आचार्यश्री, प्रतिमाएं देखीं
दोपहर में आचार्यश्री चमेली पार्क, गोयल नगर पहुंचे। यहां पंचकल्याण महामहोत्सव होने वाला है। इस दौरान आचार्यश्री ने भक्तों को आशीर्वचन भी दिए, जिसमें उन्होंने हिंदी भाषा, प्रतिभास्थली और शिक्षा के संबंध में बात कही। इसके बाद आचार्यश्री ने पंचकल्याणक महोत्सव के लिए आई प्रतिमाओं को देखा। महोत्सव के लिए रोजाना प्रतिमाओं के आने का दौर जारी है। यहां मुख्यमंत्री के मीडिया समन्वयक पंकज शर्मा और पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल आदि मौजूद थे। प्रतिमाएं देखने के बाद आचार्यश्री वापस तिलक नगर आए।
एम्बुलेंस में आई महिला को आचार्यश्री ने दिया आशीर्वाद
दोपहर में एक महिला को एम्बुलेंस से तिलक नगर लाया गया। लोगों ने बताया कुछ साल पहले उनका एक्सीडेंट हो गया था। उसके बाद से वे अनकांशियस हैं, इसलिए वे आचार्यश्री का आशीर्वाद लेने आईं है। आचार्यश्री एम्बुलेंस के पास पहुंचे और महिला को आशीर्वाद दिया।
हथकरघा के वस्त्रों का वितरण भी शुरू- पंचकल्याण महोत्सव के इंद्र-इंद्राणियों के लिए हथकरघा से बने वस्त्रों का वितरण भी शुरू हो चुका है। प्रदीप गोयल ने बताया महोत्सव में शामिल होने वाले इंद्र-इंद्राणियों को हथकरघा से बने वस्त्र दिए जा रहे हैं। ये वस्त्र विभिन्न स्थानों से इंदौर आए हैं।
Source : Bhaskar
विद्यार्थी अंकों की दौड़ छोड़ें, शिक्षा को बनाएं सेवा का माध्यम : आचार्यश्री (24/01/2020)
इंदौर। शुक्रवार की दोपहर आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ने तिलकनगर स्थित श्रीकृष्ण पब्लिक स्कूल की पहली मंजिल से उतरकर जैसे ही अपने कदम नीचे रखे श्रद्धालुओं में उनके दर्शनों की होड़-सी मच गई। हर कोई उनकी एक झलक अपनी आंखों में बसा लेना था तो कोई झुककर उनकी चरण धूलि अपने मस्तक पर लगा रहा था।
आस्था का यह ज्वार तब भी देखने को मिला, जब महाराज श्री तिलकनगर की गलियों से विहार करते हुए चमेली पार्क पहुंचे। आचार्यश्री और उनके संघ के कुछ साधु आगे-आगे चल रहे थे और पीछे-पीछे श्रद्धालुओं का रेला। चमेली पार्क में महाराजश्री आसान पर विराजित हो गए और फिर शुरू हुआ श्रद्धालुओं के प्रश्नों का सिलसिला। उन्होंने एक-एक कर सबकी जिज्ञासाओं का समाधान किया। उनकी ज्यादातर बातें शिक्षा पर ही केन्द्रित रहीं।
अंकों की दौड़ छोड़ें : वेबदुनिया के प्रश्न कि 10वीं और 12वीं तक के बच्चे पढ़ाई के तनाव में आत्महत्या कर रहे हैं? इस पर महाराजश्री ने कहा- यह दुर्भाग्यपूर्ण है और इसके लिए कहीं न कहीं हमारी शिक्षा पद्धति जिम्मेदार है। जिन बच्चों को मां के अंक (गोद) में होना चाहिए, वे परीक्षा में अंकों के लिए लड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अभिभावक अपने बच्चों से 90 और 100 फीसदी अंकों की अपेक्षा कर रहे हैं। शिक्षण संस्थाओं का स्तर पर भी अंकों से ही परखा जा रहा है। ऐसे में बच्चों में तनाव तो बढ़ना ही है। ज्यादा अच्छा होगा कि अंकों की इस दौड़ को छोड़कर संस्कार और भारतीय शिक्षा पर जोर दिया जाए।
शिक्षा से सेवा : महाराजश्री ने कहा कि राष्ट्र, समाज और व्यक्ति की उन्नति के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है। लेकिन, शिक्षा का माध्यम भारतीय भाषा में ही होना चाहिए। अपनी भाषा में ही अच्छी शिक्षा दी जा सकती है। क्योंकि अंग्रेजी बोलने से पहले भी व्यक्ति पहले सोचता तो अपनी भाषा में ही है।
उन्होंने कहा कि दुनिया में ऐसे कई देश हैं जिन्होंने सिर्फ अपनी भाषा को अपनाया और विकास की दौड़ में भी आगे हैं। यह कहना पूरी तरह गलत है कि अंग्रेजी को अपनाकर ही तरक्की के रास्ते पर बढ़ा जा सकता है। साथ ही शिक्षा का एकमात्र उद्देश्य नौकरी ही नहीं बल्कि सेवा भी होना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि क्या हम स्वप्न अंग्रेजी में देखते हैं? नहीं तो फिर अपनी भाषा पर जोर क्यों नहीं देते?
शिक्षकों का आदर करें : महाराजश्री ने वर्तमान समय में शिक्षकों के घटते सम्मान पर भी चिंता जताई। उन्होंने अमेरिका का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां एक छात्र ने शिक्षक का कत्ल कर दिया। यदि यही अनुकरण यहां किया गया तो क्या करेंगे? इसके लिए समय रहते कदम उठाना चाहिए अन्यथा हमारे पास पश्चाताप के अलावा कुछ नहीं रहेगा।
उन्होंने कहा कि संस्कारों की कमी के चलते परिवार छिन्न-भिन्न हो रहे हैं। यदि इन्हें रोकना है तो बच्चों को अच्छी शिक्षा के साथ संस्कार भी देने की जरूरत है। शिक्षकों को भी चाहिए कि वे विद्यार्थियों को संस्कार और संस्कृति की शिक्षा दें। एक बड़े उद्योगपति को उद्धृत करते हुए महाराजश्री ने कहा- ‘उन्होंने लिखा था कि मैं शर्मिंदा हूं, मैंने अपने बच्चों को पढ़ने के लिए विदेश भेजा।’
अपने गौरवशाली इतिहास को जानें : आचार्यश्री विद्यासागरजी ने कहा हमें अपने गौरवशाली इतिहास को भुलाना नहीं चाहिए, बल्कि उसके पन्नों को पलटते रहना चाहिए। स्वतंत्रता के समय जो उद्देश्य और आदर्श हमारे सेनानियों ने बनाए थे, उनके विचारों के बारे में विद्यार्थियों को जानकारी दी जानी चाहिए। महाराजजी ने इस बात पर भी चिंता जताई कि वर्तमान समय में शिक्षा काफी खर्चीली हो गई है।
पावन आशीर्वाद : संबोधन के दौरान महाराजश्री के सान्निध्य में बैठे लोगों को विद्यासागरजी का आशीर्वाद भी प्राप्त हुआ। वेबदुनिया के प्रेसीडेंट और सीओओ पंकज जैन, वेबदुनिया के वाइस प्रेसीडेंट (डिजीटल टेक्नोलॉजी) समीर शारंगपाणी, समाजसेवी अर्पित पाटोदी ने भी महाराजश्री का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. रेणु जैन, पूर्व कुलपति डॉ. नरेन्द्र धाकड़, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पंकज शर्मा समेत अन्य गणमान्यजनों ने भी महाराजश्री का आशीर्वाद प्राप्त किया।
Source : www.webdunia.com