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आचार्य श्री : इंदौर दैनिक खबरें

मूर्ति प्रतिष्ठा से उठाया अहिंसा रक्षा का कदम ग्रोवर अध्यक्ष और (04/02/2020)

इंदौर। छावनी तो सेना की होती है जो देश की रक्षा करती है। अब यहां भी अहिंसा की रक्षा करने का कदम उठाया गया है। यहां प्रतिष्ठित मूर्तियों से आपकी भी और सेना की भी रक्षा होगी। आप भी ध्यान रखें कि आपकी ओर से इनकी भी रक्षा हो। कोई आए तो यह मत पूछो कि कहां से आए और कैसे आए, अपितु यह पूछ लो कि क्या चाहिए? भव अर्थात संसार में सार कहां है। यह सब क्षणभंगुर है।

VidyaSagar ji Maharaj
आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज का मंगल विहार सोमवार को तिलक नगर से वैभव नगर होते हुए छावनी जैन मंदिर पर हुआ।

यह बात आचार्य विद्यासागर महाराज ने सोमवार को छावनी में प्रवचनमाला में कही। उन्होंने कहा कि स्वार्थ, ईर्ष्या, घमंड से दूर रहकर उदारता के साथ सबका स्वागत हो। इंदौर में एकदम पिच्छी-कमंडल उठाकर कहीं जा नहीं सकते, किसी को तो साथ लेना ही होगा। यहां बहुत सारी गलियां भी हैं। आज सुबह आचार्यश्री ने तिलकनगर से छावनी की ओर विहार किया।

ब्रह्मचारी सुनील भैया ने बताया कि आज आचार्यश्री और पूरे संघ ने छावनी पहुंचते ही दो मंदिर के दर्शन किए थे। इसमें अनंतनाथ जिनालय ट्रस्ट मंदिर और संयोगितागंज दिगंबर जैन पंचायतीमंदिर शामिल हैं॥ इसके बाद फिर मंच पर मांगलिक क्रिया की गई। आचार्यश्री और पूरे संघ का शाम को खातीवाला टैंक पहंचे। वहीं रात्रि विश्राम किया। मंगलवार को यहां से विहार कर दोपहर दो बजे नेमीनगर के लिए विहार करने की उम्मीद है। इस अवसर पर अशोक रानी डोसी, मनोज बाकलीवाल, कमल अग्रवाल, सचिन जैन आदि उपस्थित थे।

पुलिस ने भी लिया आचार्य विद्यासागर का आशीर्वाद :
आचार्य विद्यासागर सोमवार को विहार पर निकले। तिलकनगर क्षेत्र से होते हुए, छावनी और खातीवाला टैंक पहुंचे। इस दौरान सुरक्षा में लगे पुलिस जवानों ने भी आचार्य श्री का आशीर्वाद लिया।

Source : Naidunia


‘रोजगार को बढ़ावा देने हथकरघा योजना में सहयोग देगी सरकार’ (03/02/2020)

इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सपत्नीक रविवार शाम आचार्य विद्यासागर महाराज से मुलाकात की। इस मौके पर आचार्य ने कांग्रेस नेता से कहा कि मध्यान्ह भोजन में सरकार को शाकाहार को अपनाना चाहिए। इसके लिए सतत प्रयास करने की आवश्यकता है।

उन्होंने यह भी कहा कि आपने जीवनदायिनी नर्मदा की परिक्रमा कर स्वयं के जीवन को धन्यकिया। पूर्व मुख्यमंत्री ने आचार्य से कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कुटीर उद्योग को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसमें आचार्य द्वारा चलाया जा रहा हथकरघा अभियान सहायक होगा।

इसमें प्रदेश सरकार भी रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सहयोग देगी। इसके बाद आचार्य ने हथकरघा योजना के बारे में बताते हुए कहा कि इस योजना से जेल में बंद कैदियों को भी रोजगार मिल रहा है। एक निश्चित आय उन्हें और उनके परिवार को प्राᄍा हो रही है। इससे उन्हें भविष्य में भी अपराध से दूर रहने की प्रेरणा मिलेगी। इस मौके पर अमृत राय, शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल, जैनेश झांझरी और दयोदय ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष कमल अग्रवाल मौजूद थे।

पंचकल्याणक स्थल हुआ सूना, मूर्तियां भेजी मंदिर गोयल नगर स्थित पंचकल्याणक स्थल पर जहां शनिवार तक मेला लगा हुआ था, रविवार को वह सूना नजर आ रहा था। रविवार को दिनभर पंचकल्याणक में आई तीर्थंकरों की मूर्तियों को वापस मंदिरों में विराजित करने के लिए भेजा गया। आचार्य विद्यासागर महाराज सुबह वैभव नगर मंदिर पहुंचे और भगवान के दर्शन किए। शाम को पुनः वे तिलक नगर स्थित स्कूल पहुंचे। मंगलवार को संभवतः वे छावनी मंदिर जाएंगे।


गजरथों ने सवा दो घंटे में लगाई सात परिक्रमा (02/02/2020)

इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। दयोदय चैरिटेबल फाउंडेशन ट्रस्ट के तत्वावधान में शहर के पूर्वी क्षेत्र स्थित गोयल नगर में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का समापन शनिवार को हुआ। इस अवसर पर अहिंसा और जैनम के जयकारे के साथ 13 मंदिरों के गजरथ ने आयोजन स्थल की सात परिक्रमा लगाई। इसमें आचार्य विद्यासागरजी पूरे समय मार्ग पर चले। उनके साथ ही ब्रह्मचारी भैया व बहनें एवं दीदी भी चल रही थीं। पंचकल्याणक के मुख्य पात्र अलगअलग चार मंजिला रथों पर विराजमान थे। गजरथ को देखने के लिए हजारों समाजजन आयोजन स्थल पर मौजूद थे।

‘जैन कुल में जन्मे अभिमान करो’, ‘जैनम की जय-जयकार’ के जयघोष के साथ दोपहर 1:30 बजे गजरथ फेरी की शुरुआत हुई। इसमें सभी रथ क्रमवार थे। सबसे पहले स्वर्ण रथ (अजमेर से) था जिस पर सौधर्म इंद्र-इंद्राणी, भगवान के माता-पिता, महायज्ञ नायक और कुबेर विराजमान थे। उनके पीछे अन्य रथ जो विभिन्न जिलों से आए थे, उन पर भी विभिन्न इंद्र-इंद्राणी विराजित थे। उनके पीछे बैंड वाहन फिर कालानीनगर का बैंड दल, गुरुनानक फौजी बैंड भटिंडा (पंजाब) का 24 सदस्यीय बैंड, वर्णीव्यायमाशाला एवं दिव्य घोष मंडावरा का 30 सदस्यीय दल था। इसके अलावा जैन युवा जागृति सेवा समिति दिव्य घोष एवं म्युजिकल ललितपुर का 35 सदस्यीय दल और फिर बड़नगर का बैंड प्रस्तुतियां देते हुए चला।

आचार्यश्री को दी सलामीः

फेरी के दौरान मार्ग पर सिख समाज के भटिंडा के बैंड ने आचार्यश्री ससंघ को सलामी भी दी। गजरथ फेरी करीब पौने चार बजे तक चली। इसके पहले महोत्सव में सुबह से नित्य नियम पूजन हुए। फिर 4 अग्नि कुमारों द्वारा मोक्ष क्रिया संपन्न कराई गई। सौधर्म इंद्र ने श्रीजी का अभिषेक किया। ब्रह्मचारी विनय भैया ने पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव संपन्न कराई। वहीं भोजनशाला भी सुबह 10 बजे से प्रारंभ कर दी गई थी इसमें देर शाम तक लाखों लोगों ने भोजन ग्रहण किया।

‘एकजुट नहीं, एक हो और बेजोड़ बनो’:

गजरथ फेरी मार्ग पर सात परिक्रमा करने के बाद आचार्यश्री विद्यासागरजी ससंघ मंचासीन हुए। फिर रथों से 11 श्रीजी को लेकर मुख्य पात्र मंच पर पहुंचे। पंचकल्याणक महोत्सव के मांगलिक कलश श्रेष्ठियों द्वारा प्राप्त किए गए। आचार्यश्री ने कहा कि जीवन में द्वेष पचाओ और देश बचाओ। हर व्यक्ति कर्तव्य करे। एक से जुड़े तो पार्टी बनेगी, दलदल बनेगा औरदंगल होगा। इसिलए एकजुट नहीं, एक हो और बेजोड़ बनो। संसार में समय को बचाना सबसे बड़ा धर्म है। समय पर जो कार्य करना है वो करना चाहिए। इस मौके पर ट्रस्ट के अध्यक्ष सुंदरलाल जैन, महामंत्री संजय मैक्स, अशोक डोशी, नरेंद्र जैन पप्पाजी, सिंपल जैन, मनीष नायक, मनोज बाकलीवाल, जैनेश झांझरी आदि मौजूद थे।

सौधर्म इंद्र को श्रीमंत और कुबेर को सेठ की उपाधि दीः

ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष कमल अग्रवाल ने बताया कि प्रवचन के दौरान पंचकल्याणक के मुख्य पात्र सौधर्म इंद्र सचिन जैन को श्रीमंत और कुबेर आलोक जैन कोयलावाला को सेठ की उपाधि दी गई।

Source : Naidunia


Patrika- 31/01/2020


हजारों लोगों ने लिया आहारदान देने का लाभ (01/02/2020)

इंदौर। दयोदय चेरिटेबल फाउंडेशन ट्रस्ट के तत्वावधान में गोयल नगर स्थित चमेलीदेवी पार्क मैदान पर आयोजित पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का शुक्रवार को पांचवां दिन था। सुबह नित्य नियम पूजन किया गया। इसके बाद आचार्य विद्यासागर पंडाल में आए और श्रीजी के दर्शन कर मंचासीन हुए और मंगलभाव व्यक्त किए। शनिवार को महोत्सव के आखिरी दिन 15 मंदिरों के गजरथ आयोजन स्थल की परिक्रमा लगाएंगे।

पंचकल्याणक महोत्सव आचार्यश्री ने मुनि ऋषभसागर के आहारचर्या की विधि को सभी के बीच अभिव्यक्त किया। इस दौरान हजारों लोगों ने आहारदान देने का लाभ लिया। उन्होंने बताया कि दीक्षा संस्कार होने के 6 माह बाद जब मुनिराज आहार के लिए उठे तो किसी को आहार विधि का ज्ञान नहीं होने से 6 माह अलाभ के साथ उपवास हुआ। फिर जाति सुमिरन के कारण राजा सोम व राजा श्रेयांस दोनों भाइयों ने नवधा भक्तिपूर्वक आदिसागर मुनिराज को इच्छु (गन्नो) रस का दान दिया।

भारत तो भारत ही है, इंडिया तो इंग्लैंड वालों ने बनाया
दोपहर के सत्र मेंकैवल्य ज्ञान से मोक्ष कल्याण तक की यात्रा हुई। इस दौरान आचार्यश्री विद्यासागरजी व ससंघ के सान्निध्य में कैवल्य की सभी क्रियाएं संपन्न हुईं। मंच पर निर्मित शिला पर विराजित होकर आचार्यश्री ने कहा कि सम्यक दर्शन से हम अपने आप का विकास नहीं करते हैं अपितु दूसरे के विकास का वातावरण भी बनाते हैं। हम एकजुट होकर बेजोड़ बनें।
एकजुट होने का प्रमाण ही है कि भारत को आज विश्वगुरु कहा जा रहा है। भारत तो हमेशा भारत ही रहेगा। भारत को इंडिया बनाने का काम तो इंग्लैंड ने किया। इस अवसर पर नरेंद्र जैन पप्पाजी, दयोदय ट्रस्ट के अध्यक्ष सुंदरलाल जैन, महामंत्री संजय मैक्स, अशोक दोशी एवं समस्त ट्रस्टी उपस्थित थे। ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष व प्रचार मंत्री कमल अग्रवाल ने बताया कि शुक्रवार को आचार्यश्री की आहारचर्या का सौभाग्य राजा श्रेयांश परिवार के मनीष निधि जैन को प्राप्त हुआ।

आज निकाली जाएगी गजरथ फेरी, पीछे चलेंगे हजारों श्रद्घालु
पंचकल्याणक महोत्सव में शनिवार को दोपहर डेढ़ बजे 15 गजरथ की फेरी निकाली जाएगी । इसमें अजमेर से आए स्वर्ण रथ और फिर 14 रथ रहेंगे। इसमें पंचकल्याणक महोत्सव के महापात्र विराजित रहेंगे। वहीं आचार्यश्री विद्यासागरजी ससंघ के साथ गजरथ फेरी में सम्मिलित रहेंगे। उनके पीछे ब्रह्मचारी भैया, ब्रह्मचारिणी बहनें व दीदी रहेंगी। न्यासी एवं पंचकल्याणक की व्यवस्थाओं में लगी 20 से ज्यादा कमेटी के सदस्य, समाजजन व बाहर से आने वाले गुरुभाई भी फेरी में शामिल रहेंगे। इसके पहले सुबह 6 बजे से नित्य नियम पूजन होगा। वहीं ससंघ के माध्यम से सूरी मंत्र मूर्तियों को दिया जाएगा।

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