भारत में शाकाहार पर काम जरूरी : आचार्यश्री (19/02/2020)
इंदौर। चीन में कोरोना वायरस का जो प्रकोप हो रहा है, वह मांसाहार के कारण है। वहां से कई धर्म प्रवर्तक निकले जिन्होंने मानवता के लिए कई संदेश दिए। भारत में कोरोना वायरस का असर नहीं है। भारत में मांसाहार की जगह शाकाहार अपनाने पर काम करना जरूरी है।
यह बात जैन संत आचार्य विद्यासागर महाराज से मंगलवार को स्मृति नगर में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत व सांसद शंकर लालवानी से कही।
लगभग 40 मिनट हुई चर्चा के दौरान आचार्यश्री ने कहा कि आचार्यश्री ने कहा स्कूलों में अंडों की जगह मगज के लड्डू देना उचित है। इससे शारीरिक व मानसिक विकास होगा। मुलाकात के दौरान मुनि संभव सागर व मुनि संधान सागर ने आचार्यश्री की लिखी पुस्तक मुखमाटी भेंट की जिसे लोकसभा अध्यक्ष ने संसद भवन की लाइब्रेरी में रखवाने की बात कही।
अतिथियों को हथकरघा से बने कपड़े भेंट
ब्रह्मचारी सुनील भैया ने बताया कि आचार्यश्री से चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री शेखावत ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हर घर में पीने का पानी पहुंचाने का काम किया जा रहा है। राजस्थान के कई क्षेत्रों में नहर बनाई जा रही है। आचार्यश्री ने इस काम को पूरा करने का आशीर्वाद दिया। आचार्यश्री ने हथकरघा से बने कपड़े पहनने के लिए प्रेरित करने की बात कही। साथ ही कहा कि खेतों में रासायनिक खाद की जगह जैविक खाद का उपयोग हो, ऐसा प्रयत्न किया जाए। मुनियों ने अतिथियों को हथकरघा से बने कपड़े भेंट किए।
बेहतर है मंदिरों की व्यवस्था
दयोदय चेरिटेबल ट्रस्ट के कमल अग्रवाल ने बताया कि आचार्यश्री अंजनी नगर व कालानी नगर क्षेत्र से दोपहर में विहार कर स्मृति नगर पहुंचे हैं। मंगलवार को अंजनी नगर में प्रवचन हुए। अंजनी नगर व कालानी नगर में मंदिरों की व्यवस्था भी बेहतर है। आचार्यश्री ने बताया कि आहार का लाभ ब्रह्मचारी बबली दीदी के परिवार के मुलायमचंद, प्रवीण, नवीन, प्रदीप जैन को मिला। इसके साथ ही अतुल पाटोदी, मनोज बाकलीवाल, अशोक रानी दोषी ने श्रीफल भेंट किया। आचार्यश्री का पूजन कालानी नगर की बालिका मंडल ने किया।
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गुरु दर्शन की प्रतीक्षा भी एक प्रकार का तप (18/02/2020)
इंदौर। आप लोग लंबे समय प्रतीक्षा करते हैं, फिर जाकर सभी को नहीं, कुछ लोगों को दर्शन लाभ मिलता है। यह भी एक प्रकार की तपस्या है। आप लोगों की तपस्या को देखकर ऐसा लगता है कई प्रकार की तपस्याएं होती हैं। आप लोग बहुत ही सहनशीलता के साथ दर्शन के लिए बैठे रहते हैं। आप व्यस्थित हैं तो हमें भी दर्शन की व्यवस्था बनानी पड़ती है। इससे आप सभी लाभान्वित होंगे। इतना कहना पर्याप्त समझता हूं।
यह बात आचार्य विद्यासागर महाराज ने तीन दिन बाद सोमवार को हुए प्रवचन में कही। वे कालानी नगर में आयोजित धर्मसभा में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जो बच्चे बीचबीच में तालियां बजा देते हैं और जय जय गुरुदेव कह देते हैं, दरअसल वे हमारे प्रतिक्रमण पूर्ण करके आपको दर्शन देने के लिए व्यवस्था बनाते रहते हैं।
ब्रह्मचारी सुनील भैया ने बताया कि आहार का सौभाग्य मुनि निर्लेप सागर महाराज के गृहस्थ जीवन के पिता अनिल रावत परिवार को मिला। इस मौके पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने आचार्य से पुत्र की शादी समारोह के लिए आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर डीके जैन, एसपी महेशचंद जैन आदि मौजूद थे।
अपने अंतरमन को करें गुरु के चरणों में समर्पितः मुनि विराट सागर (17/02/2020)
इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। आचार्य विद्यासागर असंभव को संभव कर देते हैं। आप अपने अंतरमन को गुरुदेव के चरण में विशुद्धि के साथ उतारें। क्रोध, मान, लोभ, कषाय को धीरे-धीरे कम करें। यदि आपने इसे आधा भी कर लिया तो जीवन सफल कर पाएंगे। यह बात मुनि विराट सागर ने कालानी नगर में धर्मसभा को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने हर प्राणी का मंगल, हो यह आशीष धर्मसभा में प्रदान किया।
कालानी नगर दिगंबर जैन समाज ने आचार्य विद्यासागर और मुनि संघ के चरणों में श्रीफल भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया। रविवार को कालानी नगर मंदिर में बने पंडाल में विशेष प्रवचन का आयोजन किया गया। मुनि संभव सागर ने कहा कि इंदौर को पहले भी देखा, अब भी देख रहा हूं। पूर्व में आचार्य विद्यासागर ने ससंघ नेमावर से इंदौर का विहार चार दिन में पूरा किया था। उस समय की भव्य अगवानी शहर की हृदय स्थली से हुई थी। आपने कभी अपने अंतरआत्मा का ध्यान किया है।
इंदौर स्वच्छता में चौका लगा रहा है। अपने अंतरंग के परिणाम का ध्यान भी आवश्यक है। आपमुनिम नहीं, सेठ बनें। दयोदय चैरिटेबल फाउंडेशन ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष कमल अग्रवाल ने बताया कि आचार्य विद्यासागर का आहार के लिए पडगाहन अंजलि नगर जैन मंदिर से हुआ। आचार्य ने आहारचर्या बज परिवार सुखदेव नगर के यहां की। मुनि संभव सागर के सान्निध्य में मंगल देशना की गई। धर्मसभा का संचालन सचिन जैन ने किया। दयोदय का सेवक बनने का सौभाग्य दिनेश सिंघई को प्राप्त हुआ। सहस्त्रकूट जिनालय में मूर्ति स्थापित करने का सौभाग्य नौ परिवारों को मिला।
आचार्य विद्यासागर ने रखा उपवास, नहीं हुए प्रवचन (16/02/2020)
इंदौर। कालानी नगर में शनिवार को आचार्य विद्यासागर महाराज के प्रवचन नहीं हुए। उन्होंने शहर में प्रवेश के बाद शनिवार को तीसरा उपवास रखा। पदाधिकारियों के मुताबिक उनका स्वास्थ्य भी अब नासाज है। हालांकि रविवार को उनके विशेष प्रवचन होंगे।
चंद्रप्रभु मांगलिक भवन अंजनी नगर में उनके दर्शन के लिए भक्तों की कतार लगी रही। ब्रह्मचारी सुनील भैया और दयोदय ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष कमल सेठी ने बताया कि आचार्य ने इंदौर में प्रवेश के बाद तीसरी बार उपवास की साधना कीहै। रविवार को संभवतः पारणा (आहारचर्या) होगी। इससे पहले सुबह 8:30 बजे से मांगलिक क्रिया होगी। इसके बाद फिर आचार्य और संघ की आहारचर्या सुबह 10 बजे से शुरू होगी। आचार्य का पूजन बालिकाओं द्वारा किया गया। श्रीफल भरत कुसुम मोदी, विधायक प्रतिनिधि तपन शुक्ला, पार्षद गोपाल मालू आदि ने भेंट किया। रविवार को दोपहर 2 बजे से आचार्य के विशेष प्रवचन होंगे।
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साधना से होता है आत्मा का कल्याण : आचार्य श्री (15/02/2020)
इंदौर। संभावना हमेशा भावना से जुड़ी होती है, इसलिए जिन स्थानों पर महाराज नहीं गए, वहां के लोगों की भावना ज्यादा जुड़ी रहती है। परमात्मा प्राप्ति के लक्ष्य पर अडिग रहो, आज नहीं तो कल कल्याण अवश्य होगा। पानी में डूबने से बचने के लिए तैरना आना आवश्यक है, लेकिन यह निश्चित नहीं है कि तैरना आने पर भी डूबोगे नहीं। व्यक्ति को विपरित परिस्थितियों में मुकाबले के लिए हमेशा मजबूत इच्छाशक्ति रखनी चाहिए।
यह बात आचार्य विद्यासागर महाराज ने शुक्रवार को कालानी नगर में कही। वे प्रवचनमाला में सैकड़ों की संख्या में मौजूद जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि संसार में तरह-तरह की वस्तुएं मनुष्य को आकर्षित करती हैं। इन सबसे विरक्त होकर आत्मा की साधना की जा सकती है। आत्मा को तप में तापकर ही जीवन का कल्याण किया जा सकता है। ब्रह्मचारी सुनील भैया के अनुसार संतों के आहार के लिए समाजजन लालायित हैं। संतों का आहार कराने के लिए क्षेत्र में 305 स्थानों पर चौका लगाया गया।
सुबह साढ़े नौ से 11 बजे तक स्वामी नमस्तु कीआवाज क्षेत्र में गूंज रही थी। संतों से आहार के लिए आग्रह किया जा रहा था। आचार्य के पाद प्रक्षालन का लाभ अखिलेश सिंघयी परिवार को मिला। आचार्य को श्रीफल रामचंद्र नगर, छत्रपित नगर के समाजजन ने दिया।
आचार्य विद्यासागर के प्रवचन सुनने के लिए शुक्रवार को धर्मसभा में उपस्थित समाजजन और अन्य लोग। ननईदुनिया
‘साधना से मिल सकता है आत्म तत्व’ (14/02/2020)
इंदौर। आचार्य विद्यासागर महाराज ने गुरुवार को दोपहर 1:30 बजे यकायक सुदामा नगर से विहार शुरू कर दिया। उन्होंने जैसे ही विहार शुरू किया, संघ के साधुओं के साथ समाजजन भी उनके पीछे-पीछे चल दिए। उनके विहार की सूचना मिनटों में सोशल मीडिया के जरिये समाजजन तक पहुंचने लगी। उनके मार्ग में श्रद्धालु उनकी अगवानी के लिए कतारबद्ध हो गए।
जगह-जगह उनका पाद प्रक्षालन किया। मार्ग में उन्होंने रामचंद्र नगर और कालानी नगर के मंदिर में दर्शन किए। विहार कर वे अंजनी नगर स्थित चंद्रप्रभु मांगलिक भवन पहुंचे। शुक्रवार को सुबह 8:30 बजे यहां मांगलिक क्रिया होगी। विहार से पहले आचार्य ने सुदामा नगर में हुई धर्मसभा में कहा कि एक प्रक्रिया के जरिये दूध से घी प्राप्त किया जा सकता है, ठीक उसी प्रकार शरीर को साधना में तपाकर आत्म तत्व को भी पाया जा सकता है।
आचार्य विद्यासागर गुरुवार दोपहर को जब सुदामा नगर से विहार कर अंजनी नगर जा रहे थे, तब गंगवाल बस स्टैंड चौराहे पर ट्रैफिक रोक दिया गया। इस दौरान ट्रैफिक में एक एंबुलेंस फंस गई, जिसे पुलिसकर्मियों ने तुरंत निकलवाया व रवाना किया।
इसके लिए आचार्यों द्वारा बताए मार्ग पर चलना आवश्यक है। कभी-कभार सद्मार्ग पर चलकर मुक्ति की कल्पना नहीं की जा सकती है। भोगों में लिप्त व्यक्ति को तीन काल में भी मुक्ति नहीं मिलती है। सभी महाराज के हाथ मेंमयूर पंख पिच्छी रहती है। पिच्छी में भी स्वर्ण विद्यमान रहता है, किंतु कितनी भी कोशिश कर लो उसमें से स्वर्ण निकलेगा ही नहीं। उसी प्रकार आप लोग यदि प्रयास नहीं करेंगे और योग्यताएं नहीं रहेंगी तो आपको भी मुक्ति नहीं मिलेगी।
ब्रह्मचारी सुनील भैया और दयोदय ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष कमल अग्रवाल ने बताया कि आचार्य का पूजन विभिन्न स्थानों पर किया गया। जुलूस में प्रमुख सारथी भरत-कुसुम मोदी और सारथी संजय पाटोदी बने। आचार्य की अगवानी अंकित सेठी ने की। सुबह आचार्य पूरे संघ के साथ गुमाश्ता नगर दिगंबर जैन मंदिर पहुंचे। दिगंबर जैन समाज सामाजिक संसद युवा प्रकोष्ठ के कोषाध्यक्ष गौरव पाटोदी ने बताया कि विशाल-विकास गंगवाल परिवार ने आचार्य का पाद प्रक्षालन किया। प्रतिभास्थली और सुदामा नगर महिला मंडल ने पूजन किया। इस अवसर पर शुभम मोदी, मोहित जैन, भरतेश बड़कुले आदि मौजूद थे।
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जीवन के उचित उपयोग में आत्मा का कल्याण निहितः विद्यासागर (13/02/2020)
इंदौर। हम ईश्वर की मौलिक रचना हैं। प्रभु ने हमें मानव देह प्रदान की है लेकिन हम उसकी इस मौलिक रचना का उपयोग मनोरंजन मात्र के लिए करते हैं। हमें जब इस मौलिक रचना की वास्तविक कीमत ज्ञात होती है तो हम पश्चाताप करते रह जाते हैं। इस जीवन का उचित उपयोग करना ही हमारा लक्ष्य होना चाहिए। इसमें इस आत्मा का कल्याण निहित है।
ये बातें आचार्य विद्यासागर महाराज ने बुधवार को सुदामा नगर में कहीं। वे मंगलवार को हुए मंगल प्रवेश के बाद बुधवार सुबह धर्मसभा में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस शरीर को तप की अग्नि में तपाकर ही उस आत्मा के वास्तविक स्वरूप को समझा जा सकता है। अधिकांश लोग इस शरीर को सांसारिक भोगों में ही खर्च कर रहे हैं। तप साधना के जरिए अपने सोए भाग्य को जाग्रत करें। जो व्यक्ति शरीर को तपाता है उससे बढ़कर रईस कोई दूसरा नहीं है। आत्मा तत्व को पाने वाला ही तीनों लोकों का नाथ बन सकता है। व्यक्ति को दूर की आवाज सुनाई देती है लेकिन आत्मा की आवाज सुनाई नहीं देती है।
ब्रह्मचारी सुनील भैया और ट्रस्ट के कमल अग्रवाल ने बताया कि दयोदय चेरिटेबल ट्रस्ट के सभी ट्रस्टियों को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉडर्स की टीम द्वारा सम्मानित किया गया। इस मौके पर राहुल सेठी, अशोक डोशी, मनीष नायक, सिंपल जैन, राजेश काला आदि मौजूद थे।
स्मृति नगर में पाषाण का मंदिर बनाने का लिया आशीर्वाद :
स्मृति नगर मंदिर के पदाधिकारियों ने आचार्यश्री से पाषाण के मंदिर के निर्माण को लेकर आशीर्वाद लिया। सचिन जैन और भूपेंद्र जैन ने वर्तमान में वहां स्थित मंदिर की जानकारी दी। इस मौके पर अशोक डोसी, अर्पित पाटोदी, भरतेश बडकुल आदि मौजूद थे। सुदामा नगर दिगंबर जैन समाज समिति, नवयुवक मंडल और महिला मंडल सुदामा नगर ने आचार्यश्री को श्रीफल प्रदान किया।
दर्शन के लिए सुदामानगर पहुंचे श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते आचार्य विद्यासागर। साथ में हैं अन्य संतजन।
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आचार्य का सुदामा नगर में मंगल प्रवेश (12/02/2020)
इंदौर। आचार्य विद्यासागर ने मंगलवार दोपहर नेमी नगर से विहार किया। वे शाम को चार बजे सुदामा नगर पहुंचे। यहां पर उनके दर्शन के लिए लोग उमड़ पड़े। पूरे रास्ते पुलिस और कार्यकर्ताओं को व्यवस्था संभालनी पड़ी। आचार्य ने अवासा में बनने वाले मंदिर का भूमिपूजन भी किया।
दयोदय चैरिटेबल फाउंडेशन ट्रस्ट के अध्यक्ष सुंदरलाल और कमल अग्रवाल ने बताया कि मंगलवार सुबह आचार्य ने नेमी नगर में आहार किया। शैलेष जैन, प्रेरणा बोबरा को सहस्त्रकूट जिनालय में प्रतिमा विराजमान करने का सौभाग्य मिला। आहरचर्या का सौभाग्य नेमीचंद संजय जैन को प्राप्त हुआ। धर्मसभा का संचालन ब्रह्मचारी सुनील भैया ने किया।
आचार्य ने नेमी नगर में प्रवचन में कहा कि आत्म कल्याण के लिए हेय (छोड़ने योग्य) व उपादेय (गृहण) करने योग्य क्या है? यह जानना जरूरी है। माता-पिता पहले अपने बच्चों के लिए शिक्षा, कामकाज, धर्म, नैतिकता का अभ्यास करते रहते थे। हेय को जाने बिना उपादेय समझा नहीं जा सकता। मां को अभ्यास है गर्म रोटी बनाते वक्त पलटने का। बच्चों को भोजन ठंडा करके खिलाने का।यह नीतिगत बात है। हेय को छोड़ना है तो उसे जानना भी आवश्यक है।
कालानी नगर में 300 परिवार लगाएंगे आहारचर्या के लिए चौका
13 मंदिरों के पंचकल्याणक महोत्सव के बाद आचार्य इन मंदिरों में दर्शन के लिए विहार पर हैं। वे मंदिरों में होते हुए कालानी नगर भी पहुंचेंगे। यहां पर 300 परिवार आहारचर्या के दौरान रोजाना चौका लगाएंगे। आचार्य के इंदौर पहुंचने और उदय नगर में विश्राम के दौरान रोजाना 240 लोगों ने आहारचर्या के लिए चौका लगाया था। बड़ा गणपति और एयरपोर्ट रोड क्षेत्र की 15 से अधिक कॉलोनियों के जैन परिवारों ने व्यवस्था करना शुरू कर दी है।
दिगंबर जैन समाज सामाजिक संसद के मीडिया प्रभारी राहुल सेठी ने बताया कि आचार्य का विहार शुरू हो चुका है। वे जैन कॉलोनी, नेमी नगर होते हुए सुदामा नगर पहुंचे। इसके बाद विदुर नगर, गुमाश्ता नगर, कालानी नगर, छत्रपति नगर, राजवाड़ा, उदासीन आश्रम तुकोगंज, विजय नगर, क्लर्क कॉलोनी, सुखलिया होते हुए सांवेर रोड स्थित रेवती रेंज पर निर्माणाधीन प्रतिभास्थली पहुंचेंगे।
अवासा में मंदिर के भूमिपूजन के बाद जब आचार्य विद्यासागर पास में एक कुएं के पास पहुंचे तो उनकेपैरों में कुछ चुभ गया, जिसे भक्तों ने निकाला।
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‘अंतराय कर्म को तपस्या से कर सकते हैं समाप्त’ (11/02/2020)
इंदौर। सामने वाला पाना चाहता है और दाता देना चाहता है। फिर भी वह पाता नहीं है और देने का कार्य भी नहीं हो पाता। यह जो व्यवधान आता है, उसे अंतराय कर्म कहते हैं। इसको तपस्या के बल से समाप्त किया जा सकता है। यह बात आचार्य विद्यासागर ने सोमवार को जैन कॉलोनी नेमी नगर में प्रवचन के दौरान कही।
प्रवचन के बाद डोंगरगढ़ प्रतिभास्थली ज्ञानोदय की छात्राओं ने आचार्य के दर्शन किए। दयोदय चैरिटेबल फाउंडेशन ट्रस्ट के महामंत्री अशोक डोसी और कमल अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान से अशोक पाटनी के साथ हजारों समाजजन भी पहुंचे। उन्होंने राजस्थान आगमन के लिए आचार्य को श्रीफल भेंट किया। उन्होंने कहा कि आपका दीक्षा स्थल नारोली मंदिर का पंचकल्याणक महोत्सव आपकी प्रतीक्षा कर रहा है। आप 41 साल पहले आए थे। सभी ने फिर से पधारने का निवेदन किया।
आचार्य ने सभी को आशीर्वाद दिया। सोमवार को आचार्य की आहारचर्या का सौभाग्य निलेश काला परिवार जैन कॉलोनी को मिला। धर्मसभा का संचालन ब्रह्मचारी सुनील भैया नेकिया। प्रवचन के दौरान विमल गंगवाल, राकेश चेतक, अखिलेश सिंघाई, प्रदीप जैन, राहुल जैन, आनंद जैन, सचिन जैन ने आचार्य को श्रीफल भेंट किया।
प्रतिभास्थली पर तेजी से हो रहा कामः
रेवती रेंज स्थित प्रतिभास्थली पर आचार्य के पहुंचने से पहले काम तेजी से कराया जा रहा है। गोशाला का निर्माण अंतिम दौर में है। यात्री निवास कार्यालय का काम पूरा हो चुका है। स्कूल भवन की तीसरी मंजिल का काम शुरू हो चुका है। भगवान पार्श्वनाथ मंदिर का काम भी शुरूहो चुका है।
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‘हथकरघा से बने वस्त्र पहनकर करें अभिषेक’ (10/02/2020)
इंदौर। व्यक्ति जैसे मन में भाव करता है, वैसे ही उसके कर्म बनते-बिगड़ते या समाप्त होते हैं। सिद्ध संतों का भाव जनमानस को सुखी बनाना है। जैसे-जैसे आप भाव करोगे, आपके कर्मों की निर्जरा होगी। कर्मों की निर्जरा करनी है, सिर्फ कहने से नहीं होगी।
यह बात आचार्य विद्यासागर महाराज ने रविवार को नेमी नगर जैन कॉलोनी में कही। वे विशेष रविवारीय प्रवचनमाला में सैकड़ों की संख्या में
मौजूद समाजजन को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर आचार्य प्रणाम सागर महाराज ने भी आचार्य विद्यासागर के दर्शन का लाभ लिया। इस मौके पर उन्होंने रक्षा सूत्र का त्याग, एक महीने का मौन आदि का संकल्प लिया।
इस मौके पर दुर्लभ सागर महाराज ने कहा कि हथकरघा के वस्त्र पहनकर ही हमें भगवान का अभिषेक, पूजन और मुनियों को आहार करना चाहिए। प्रतिकूल परिस्थितियों में आत्मा के दर्शन होते हैं। इसके बाद मुनि विराट सागर ने कहा कि इस समय हर कोई आचार्य विद्यासागर के दर्शन का इच्छुक रहता है। यदि सही में गुरु के दर्शन करना है तो हमेशा गुरु की आज्ञा कापालन करना, सेवा का भाव रखना और गुरु के
प्रति प्रीत रखना है। इससे गुरु के दर्शन आसानी से हो सकेंगे। ब्रह्मचारी सुनील भैया और कमल अग्रवाल ने बताया कि रविवार को आचार्य का पारणा हुआ। आहार का अवसर कमल जैन और अक्षय जैन को मिला। आभार कैलाश लुहाड़िया ने माना।
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