आचार्यश्री का चातुर्मास अमरकंटक में शुरु -साभार राज न्यूज नेटवर्क’
इंदौर। जैन संत आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज इस वर्ष संघ सहित अमरकंटक में चातुर्मास कर रहे हैं। उनके चातुर्मास कलश की स्थापना सोमवार को समारोह पूर्वक हुई। इंदौर से अनेक लोग इस समारोह के साक्षी बनने अमरकंटक पहुँचे थे। चातुर्मास के प्रथम कलश की स्थापना करने का सौभाग्य इंदौर विकास प्राधिकरण के संचालक माणकलाल सोगानी के पुत्र दिनेश अर्पिता सोगानी को प्राप्त हुआ। |
इंदौर से समारोह में शामिल होने गये इंदौर के समाजसेवी निर्मल पाटौदी ने बताया कि- आचार्य श्री ने संघ सहित मंत्रोच्चारण के साथ अमरकंटक में चार महिने तक रहकर सराधना करने का संकल्प किया। इसके बाद जयजयकारों के बीच चातुर्मास हेतु पाँच मंगल कलशों की स्थापना की गयी। प्रथम कलश दिनेश अर्पिता सोगानी, द्वितीय कलश अमेरिका से आये डॉ. महेन्द्र कुमार पंड्या ने, तीसरा कलश अशोक पाटनी आरके मार्बल्स, चतुर्थ कलश सर्वोदय तीर्थ अमरकंटक के अध्यक्ष प्रमोद सिंघई एवं पाँचवा कलश प्रभात जैन मुम्बई ने स्थापित किया। इस अवसर पर इन्दौर से सुन्दरलाल जैन बीडी वाले, संजय जैन, अर्पित पाटौदी आदि उपस्थित थे। |
आचार्यश्री के साथ लगभग तीस दिगम्बर जैन मुनियों ने भी अमरकंटक में ही अपने गुरु के साथ चातुर्मास का संकल्प लिया। समारोह में आचार्यश्री ने चातुर्मास के महत्व के बारे में प्रवचन देते हुए कहा कि – बारिश के मौसम में छोटे-छोटे असंख्य जीवों की उत्पत्ति हो जाती है, चलने फिरने से इन जीवों का घात होता है। इन जीवों की रक्षा के लिये संत चार महिने तक एक ही स्थान पर रह कर साधना करते हैं। |