गुरु को नमोस्तु करने उमड़ा शहर का जैन समाज
– 50 हजार से ज्यादा लोग पहुंचे गुरु दर्शन को।
– 110 जैन मंदिरों के प्रतिनिधि और समाजजन ने की भागीदारी।
– 50 मंचों से हुआ जगह-जगह स्वागत।
– 33 संतों ने आचार्य के साथ किया प्रवेश।
इंदौर। 20 साल बाद शहर में दिगंबर जैन समाज के संत आचार्य विद्यासागर महाराज का मंगल प्रवेश रविवार को हर्षोल्लास के साथ हुआ। इसमें इंदौर के साथ प्रदेश के विभिन्ना शहरों से 50 हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए। आचार्य की एक झलक और नमोस्तु करने के लिए लंबी-लंबी कतारें शहर के पूर्वी क्षेत्र में लगीं। आस्था के उल्लास का यह नजारा जिसने भी देखा, देखता ही रह गया। आचार्य ने कुल आठ किलोमीटर विहार किया। इस दौरान चार किलोमीटर के जुलूस मार्ग में वे 16 बार रुके और तीन बार लकड़ी की चौकी पर भी बैठे।
बायपास पर माता गुजरी कॉलेज के पास से रात्रि विश्राम के बाद सुबह आचार्य आहार के लिए बड़जात्या फार्म हाउस बायपास पहुंचे। यहां दर्शन के लिए हजारों लोगों का जनसमूह सुबह 9 बजे से ही जुट गया था। एक किलोमीटर लंबी कतार फार्म हाउस के बाहर लगी हुई थी। इनके बीच आचार्य अपने 33 सदस्य संघ के साथ निकले। यहां से बिंजलिया फार्म हाउस पहुंचे। इसके बाद आचार्य का विहार जुलूस के रूप में तब्दील हो गया। उनकी अगवानी के लिए पूरे मार्ग में कमल के फूल बनाए गए थे। यहां से जुलूस अग्रवाल पब्लिक स्कूल, स्कीम नंबर 140, शिव शक्ति नगर होते हुए उदय नगर जैन मंदिर पहुंचा।
संघस्थ मुनि ब्रह्माचारी सुनील भैया, दयोदय चैरिटेबल फाउंडेशन ट्रस्ट के महामंत्री संजय जैन और अशोक डोशी ने बताया कि आचार्य की अगवानी करने शहरभर के समाजजन पहुंचे। मंगल प्रवेश जुलूस में प्रदेश की कई राजनीतिक हस्तियां भी शामिल हुईं। दिगंबर जैन समाज सामाजिक संसद के युवा प्रकोष्ठ के राहुल सेठी ने बताया कि जुलूस में मप्र शासन के मंत्री सज्जनसिंह वर्मा, तुलसी सिलावट, बाला बच्चन, जीतू पटवारी, सांसद शंकर लालवानी, विजय लक्ष्मी साधौ, विधायक संजय शुक्ला, विधायक रमेश मेंदोला आदि मौजूद थे। इस अवसर पर ट्रस्ट के कमल अग्रवाल, सुंदरलाल जैन, डीके जैन, सुरेंद्र बाकलीवाल, जैनेश झांझरी, दिलीप पाटनी, प्रदीप बड़जात्या भी उपस्थित थे।
विभिन्न धर्मों के गुरुओं ने किया स्वागत, आया मुख्यमंत्री का संदेश
आचार्य के जुलूस में सांप्रदायिक सौहार्द का दृश्य भी नजर आया। बोहरा समाज ने आचार्य के मंगल जुलूस में स्वागत दर्शन किए। शिवशक्ति नगर चौराहे पर विभिन्ना धर्मों के गुरुओं ने आचार्य का स्वागत किया। मार्ग में आया मुख्यमंत्री कमलनाथ का संदेश भी पढ़ा गया। महापौर मालिनी गौड़ ने भी आचार्य के दर्शन किए।
ब्रिज पर खड़े होकर ली तस्वीरें और जुलूस के साथ सेल्फी
जुलूस में समाज के 40 संगठन और 110 मंदिरों के प्रतिनिधि और समाजजन शामिल हुए। जुलूस में आगे-आगे बैंड-बाजे और शहनाई की धुन बजाई जा रही थी। जुलूस तीन थीम पर था। इसमें सम्यक दर्शन, ज्ञान और चारित्र के द्वार बनाए गए थे। जुलूस की शुरुआत शंखनाद कर की गई। करीब 50 मंचों से आचार्य का स्वागत किया गया। इसी तरह इंदौर शहर के जितने महिला मंडल हैं, उन्होंने 200 से 300 मीटर की दूरी पर बैठकर गुरु का गुणगान किया। मंगल जुलूस को यादगार बनाने के लिए अजमेर राजस्थान से स्वर्ण रथ में श्रीजी को विराजित किया गया, जो जुलूस की शोभा को बढ़ा रहा था। 108 बालकों ने आचार्य के समक्ष साष्टांग नमस्कार किया। लोग जुलूस के साथ सेल्फी और बायपास ब्रिज पर खड़े होकर तस्वीरें भी ले रहे थे।
नौकरी-व्यवसाय छोड़ 72 लोग आए संत की शरण में
देशभर में आचार्यश्री के 72 ऐसे शिष्य हैं जो ऊंचे प्रशासनिक पद छोड़कर उनके शिष्य बने हैं। इनमें डॉक्टर-वकील के साथ ही विदेश में कंपनियों में ऊंचे ओहदे पर कार्यरत थे। इनमें ब्रह्मचारिणी विजय लक्ष्मी हरदा में डिप्टी कलेक्टर थीं। इनके साथ ही ब्रह्मचारी अमित अमेरिका में सॉफ्टवेयर इंजीनियर और ब्रह्मचारिणी रेखा दीदी डीएसपी का पद छोड़कर वैराग्य की मार्ग पर चल पड़ीं।
साभार : नईदुनिया
इंदौर। आचार्य विद्यासागर ने कहा- इंदौर में आगमन पर लोगों का उत्साह देखकर आज देव भी गदगद होंगे
सभी लोग कहते हैं कार्य का दायित्व चाहिए, लेकिन पहले यह बताओ करना क्या चाहते हो। इंदौर ए क्लास नगरी है। कहते हैं देख लेंगे, जो आप कहेंगे वही देखूंगा। आशीर्वाद के लिए बैठने की जरूरत नहीं, वह अपने आप भी पहुंच जाता है। आप कार्य करोगे तो जीवन सार्थक हो जाएगा। आज इंदौर आगमन पर लोगों का उत्साह देखकर देव भी गदगद होंगे।
यह बात दिगंबर जैन संत आचार्य विद्यासागर ने दिगंबर जैन मंदिर उदय नगर में कही। वे मंगल प्रवेश जुलूस के बाद आयोजित धर्मसभा में हजारों की संख्या में मौजूद श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। सभा स्थल पर लोगों का हिलना भी मुश्किल था। लोग सड़क पर लगी स्क्रीन के माध्यम से संत की वाणी को सुन रहे थे। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे व्यक्ति को चुनना चाहते हैं, जो काम काम करे।
आपने ऐसे मंदिर का संकल्प लिया, जिसे भगवान भी देखना चाहेंगे। कुछ लोग काम करना चाहते हैं, लेकिन लाइट में नहीं आना चाहते। नेमावर चातुर्मास के बाद यहां आने के संकेत दिए थे। आने को तो मैं एक महीने पहले भी आ जाता। अब आया हूं तो कुछ समय रहूंगा। प्रतिभास्थली में विद्यार्थी संयम से रहते हैं। आजकल जो मंदिर बन रहे हैं, वह आरसीसी के बनते हैं। अब जो मंदिर बनाए जा रहे हैं, वह पाषाण के हैं। इनकी उम्र एक हजार से 1500 वर्ष तक होती है। इस मौके पर अशोक बड़जात्या, कैलाश वेद, वीरेंद्र बड़जात्या आदि मौजूद थे।
साभार : नईदुनिया
Jai Jinendra Ji
Namostu Bhagwan
Namotu Acharya Shree Ji
Namostu Gurudev
Jai Jai Gurudev
Jaikara Gurudev Ka Jai Jai Gurudev
Jai ho Shri Acharya Bhagwan Vidyasagar Ji Maha Muniraj Ki Jai Ho
Jain Dharam Ki Jai Ho
Jainam Jayatu Shasanam……..
jai jinendra sabko