कोर्ट ने खारिज की याचिका
मध्यप्रदेश के बड़वानी स्थित बावनगजा जैन तीर्थ पर महिलाएं भगवान आदिनाथ की प्रतिमा का अभिषेक नहीं कर सकेंगी। हालांकि उन्हें मंदिर में प्रवेश और पूजा का अधिकार रहेगा। ट्रस्ट द्वारा अभिषेक पर रोक लगाने के बाद महाराष्ट्र के एक ट्रस्ट ने मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बेंच में इस संबंध में जनहित याचिका दायर की थी। महीनेभर पहले हाई कोर्ट ने याचिका में पक्षकारों की बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। शुक्रवार को फैसला जारी कर हाई कोर्ट ने जनहित याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने माना बावनगजा में सालों से महिलाएं अभिषेक नहीं कर रही हैं। यह संवैधानिक अधिकार का मुद्दा नहीं है। इसमें कोर्ट के दखल देने का कारण नहीं।
हाई कोर्ट में यह जनहित याचिका कोल्हापुर (महाराष्ट्र) के आर्श मार्ग सेवा ट्रस्ट ने दायर की थी। याचिकाकर्ता की तरफ से एडवोकेट आशीष शर्मा ने पैरवी की। याचिका में ट्रस्ट ने गुहार लगाई थी कि महिलाओं को बावनगजा तीर्थ में भगवान आदिनाथ की प्रतिमा पर अभिषेक करने की अनुमति दी जाए। इसके पहले भी फरवरी 2019 में मस्ताभिषेक के दौरान बावनगजा तीर्थ स्थान पर जमकर विवाद भी हुआ था। इधर, बावनगजा सिद्ध क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से कोर्ट में तर्क रखा गया कि तीर्थ स्थल ट्रस्ट की व्यवस्थाओं के हिसाब से संचालित होता है। इसमें महिलाओं द्वारा अभिषेक करना प्रतिबंधित है, इसलिए हम ऐसा नहीं करने दे सकते। जस्टिस एससी शर्मा और जस्टिस शैलेंद्र शुक्ला ने 3 अक्टूबर को लंबी बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था जो शुक्रवार को जारी हुआ।
साभार : नईदुनिया