* श्री 108 सुधासागर जी महाराज का 30वा मुनि दिक्षा दिवस वीडियो डिस्क 1
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* 108 मुनिपुंगव श्री सुधासागर जी महाराज के राजस्थान प्रवास की प्रमुख उपलब्धियाँ
श्रीमती सुशीला पाटनी
आर. के. हाऊस, मदनगंज- किशनगढ
परम पूज्य सुधासागर जी महाराज का जीवन परिचय :
जन्म स्थान | : | ईशुरवारा, सागर (मध्य प्रदेश) |
जन्मतिथि | : | 29 अगस्त, 1958 |
पिता श्री | : | श्री रूपचन्द जी |
माता श्री | : | श्रीमती शांतिदेवी |
दीक्षा गुरु | : | आचार्य गुरुवर श्री विद्यासागर जी महाराज |
क्षुल्लक दीक्षा | : | 10 जनवरी, 1980 सिद्धक्षेत्र नैनागिरि, क्षुल्लक परमसागर |
ऐलक दीक्षा | : | 15 अप्रैल, 1982 सागर |
मुनि दीक्षा | : | 25 सितम्बर, 1983 ईसरी |
अध्ययन | : | बी. कॉम. |
प्रथम चातुर्मास | : | नौ माह का मौन, समस्त रसों का त्याग |
भाई | : | 3(तीन) 1. श्री जयकुमार(स्वयं), 2. श्री ऋषभकुमार, 3. श्री ज्ञानचन्द |
राजस्थान में हुए चातुर्मास : अजमेर (1994), किशनगढ(1995), जयपुर(1996), ज्ञानोदय तीर्थ नारेली(1997), सीकर (1998), अलवर(1999), ज्ञानोदय तीर्थ नारेली(2000), कोटा(2001), बिजौलिया(2002), केकडी(2003), सूरत(गुजरात) (2004), भीडर(2005), उदयपुर(2006), बाँसवाडा(2007), ज्ञानोदय तीर्थ नारेली(2008)
राजस्थान में हुई संगोष्ठियाँ : कुल 11 (ग्यारह)
आचार्य श्री ज्ञानसागर जी के मुनि अवस्था और ब्रह्मचारी अवस्था के स्टेच्यू : राणोली, किशनगढ, नसीराबाद, ब्यावर, बिजौलियाँ।
साहित्य प्रकाशन : प्रकाशन केन्द्र
1. आचार्य श्री ज्ञानसागर वागर्थ विमर्श केन्द्र, ब्यावर
2. ऋषभदेव ग्रंथमाला, सांगानेर
3. श्रमण संस्कृति संस्थान, सांगानेर
प्रमुख जीर्णोद्धार:
1. 1008 भगवान श्री आदिनाथ श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र मन्दिर संघीजी, सांगानेर (जयपुर)
2. 1008 भगवान श्री आदिनाथ श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र मन्दिर, चाँदखेडी
3. श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, बैनाड
4. आचार्य श्री ज्ञानसागर समाधि मन्दिर, नसीराबाद
5. श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, रैवासा
6. श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, आँवा
7. श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, बिजौलियाँ
जीर्णोद्धार :
अनेक जगह जहाँ-जहाँ मुनि श्री का पदार्पण हुआ थोडा बहुत कार्य लगभग सभी स्थानों पर हुआ, हो रहा है और होगा।
प्रमुख पंच कल्याणक:
1. श्री दिगम्बर पंचायती नसीयाजी बेथ कॉलोनी, ब्यावर (6 मई से 11 मई, 1998)
2. श्री दिगम्बर जैन मन्दिर, पदमपुरा (31 जनवरी से 5 फरवरी,1999)
3. श्री दिगम्बर जैन मन्दिर, मालवीय नगर जयपुर (15 जनवरी से 20 जनवरी,2000)
4. श्री दिगम्बर जैन मन्दिर, आर. के. कॉलोनी, भीलवाडा (14 अप्रैल से 19 अप्रैल, 2000)
5. श्री दिगम्बर जैन मन्दिर, शांतिनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर, दूदू (29 जनवरी से 4 फरवरी, 2001)
6. श्री दिगम्बर जैन मन्दिर,, रैवासा (24 फरवरी से 1 मार्च,2001)
7. श्री दिगम्बर जैन मन्दिर, दादावाडी नसियाँ, कोटा (26 नवम्बर से 2 दिसम्बर, 2001)
8. श्री दिगम्बर जैन मन्दिर, अतिशय क्षेत्र, बिजौलियाँ (11 दिसम्बर से 16 दिसम्बर, 2002)
9. श्री दिगम्बर जैन मन्दिर, अलवर (12 फरवरी से 19 फरवरी 2003)
10. श्री दिगम्बर जैन मन्दिर, मानसरोवर, जयपुर (2 मई से 8 मई, 2003)
11. श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर, कोटा जंक्शन (24 नवम्बर से 28 नवम्बर,2003)
12. तारंगा सिद्ध क्षेत्र श्री दिगम्बर जैन मुनीसुवव्रतनाथ हाउसिंग बोर्ड मन्दिर, भीलवाडा (11 फरवरी से 16 फरवरी, 2008)
13. श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, आँवा (9 जून से 14 जून, 2008)
विश्वप्रसिद्ध सोनीजी नसियां में देवाधिदेव भगवान 1008 श्री आदिनाथ भगवान की प्रतिमा को उच्चासन पर विराजमान किया गया।
आप समाज की मिथ्या कुरीतियों को आगम एवं तर्क से खण्डन कर सम्यक् रीतियों का प्रवर्तन करते हैं। एकांतवादी तथा कथित अध्यात्मवादियों को एवं गृहीत मिथ्या दृष्टियों को अनेकांत एवं सम्यक दर्शन का पाठ पढाया है। आप वास्तु विज्ञानी एवं पुरातत्व के महान संरक्षक है, अतः आपके आशीर्वाद से एवं प्रेरणा से अतिशय क्षेत्र देवगढ(उत्तर प्रदेश) अतिशय क्षेत्र सांगानेर (राजस्थान) बजरंगगढ (मध्यप्रदेश) भव्योदय अतिशय क्षेत्र, रैवासा (राजस्थान) सिद्धक्षेत्र गिरनार (गुजरात) एवं सिद्धक्षेत्र शत्रुंजय (गुजरात), अतिशय क्षेत्र चान्दखेडी (राजस्थान), सीरोन जी (उत्तर प्रदेश) आदि सैकडो क्षेत्रो का जीर्णोद्धार हुआ है। अशोकनगर (मध्य प्रदेश) की त्रिकाल चौबीसी, ज्ञानोदय तीर्थक्षेत्र (राजस्थान) सुदर्शनोदय तीर्थ क्षेत्र आँवा (राजस्थान) श्रमण संस्कृति संस्थान, सांगानेर (राजस्थान) सुधासागर इंटर कॉलेज, ललितपुर (उत्तर प्रदेश) आ. ज्ञानसागर वागर्थ विमर्श केन्द्र, ब्यावर (राजस्थान) अनेक गौशालाऐं आदि नवीन क्षेत्र आपकी सातिशय प्रेरणा से स्थापित होकर जैन संस्कृति का गौरव बढा रहे हैं।
राजस्थान में 15 साल से मुनि श्री द्वारा अद्भुत धर्म प्रभवना हो रही है। सैकडों साल के इतिहास में इतनी महती प्रभावना देखने को नहीं मिली। सन 1996 में जयपुर के वर्षायोग मे एक साथ 20-25 हजार लोग प्रति दिन प्रवचन सुन कर भाव विभोर हो जाते थे। श्रमण संस्कृति संस्थान, सांगानेर राजस्थान एवं महाकवि आचार्य ज्ञानसागर छात्रावास की स्थापना आपकी प्रेरणा से हुई, जिसमें प्रतिवर्ष 100 श्रमण संस्कृति समर्थक विद्वान तैयार हो कर भार वर्ष में जिनवानी का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं अर्थात सांगानेर को तो विद्वान तैआर करने की खान बना दिया है।
मुनि श्री सुधासागर जी महाराज ने 12 जून, 1994 को तीन दिन के लिये भूगर्भ स्थित यक्ष रक्षित 69 मूर्तियों को चैत्यालय से निकाला तथा प्रबन्धकारणी कमेटी की प्रार्थना पर 20 जून से 24 जून 1998 तक को 101 मूर्तियाँ निकाली। मुनि श्री सुधासागर महाराज ने ही भूगर्भ स्थित यक्ष-रक्षित परम्परागत निकाले गये चैत्यालय के साथ इस बार अन्य दूसरी गुफ से एक और दूसरा अलौकिक विशाल रत्नमय चैत्यालय श्रावकों के अमृत सिद्धि दर्शन हेतु निकाल कर महा अतिशय प्रकट कर बहुजनों को धन्य किया। सांगानेर संघी मन्दिर में अपनी साधना एवं तपस्या के बल पर भूगर्भ से दो बार यक्ष रक्षित रत्नमयी चैत्यालय निकालकर सारे विश्व को चमत्कृत कर धन्य-धन्य कर दिया। यहाँ की रत्नमयी प्रतिमाओं के 10-25 लाख लोगों ने दर्शन कर पुण्यार्जन किया।
24 मार्च, 2002 को मुनिश्री ने चांदखेडी अतिसय क्षेत्र में पुनः अपनी प्रगाढ साधना से मन्दिर की गुफा से इतिहास में पहली बार स्फटिक मणि के विशाल चन्द्रप्रभु, अरिहंत एवं पार्श्वनाथ भगवान के जिनबिम्ब निकाले। जिनका 15 दिन तक दर्शन कर पन्द्रह लाख श्रद्धालुओं ने पुण्य अर्जित किया।
संस्कारों पर होता है उदबोधन ! – मुनि श्री भावसागर महाराज जी (दिनांक – 4-8 -2012)
आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी के आज्ञानुवर्ती शिष्य मुनि पुंगव श्री सुधासागर महाराज जी का वर्षायोग 2012 धार्मिक नगर ललितपुर (उत्तर प्रदेश) में क्षेत्रपाल जी मंदिर में 20 वर्ष बाद हो रहा है | इसके पूर्व में सन 1991 एवं 1993 में चातुर्मास हो चूका है | ज्ञात हो की सन 1929 में आचार्य श्री शान्तिसागर महाराज जी (दक्षिण) एवं क्षुल्लक गणेश प्रसाद जी वर्णी का प्रवास भी रहा है एवं आचार्य श्री विद्यासागर जी ने 1987 एवं 1988 में ग्रीष्म कालीन वाचना की है | यहाँ लगभग 5000 जैनों के घर हैं एवं इस नगरी से 40 से भी अधिक पिच्छिधारी हैं सभी संघों में | यहाँ अभिनन्दन नाथ भगवान् मूलनायक हैं उस वेदी का शिखर सहित पाषाण द्वारा निर्मित होना है |
अभी प्रतिदिन जैन संस्कारों के ऊपर प्रवचन माला चल रही है | पर्युषण में “श्रावक संस्कार शिविर” में 1000 शिविरार्थी के लगभग आते हैं | अभी रात्रि भोजन, पूजन, सप्त व्यसन पर विशेष प्रवचन चल रहें हैं | 31 जुलाई को मुनि श्री सुधासागर महाराज जी का आहार आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी के शिष्य मुनि श्री अनंत सागर जी, मुनि श्री भाव सागर जी के गृहस्त जीवन के परिवार जन श्री विनोद कुमार अमित कुमार मोदी (घृत भंडार) वालों के यहाँ हुआ | इस नगर में 11 जैन मंदिर हैं और क्षेत्रपाल मंदिर तो अतिशय क्षेत्र है |
यह एक जिला है एवं अधिकांश ट्रेने रूकती है | यह मुंबई – दिल्ली मार्ग पर स्थित है |
संपर्क सूत्र :- अमित मोदी (घृत भंडार), मोबाइल नंबर -09889282120 श्री दिगम्बर जैन क्षेत्रपाल मंदिर स्टेशन रोड ललितपुर (उत्तर प्रदेश)|
aap ki krapa & anter drashti se ye hamara jivan dhayn kar.
aap ka naam sunker body ke baal & bodi ke anader aak kampanya see paida ho jati hi.
jai jinendra,
please add some pravachans of sudhasagarji maharaj..
pujaya shri Sudhasagarji maharaj sahi mayne me krantikari saint hai aaj pure bharat me unkey jaise saint ki jarurat hai.
Jai Jinendra, good introduction.
Jai jinendra
plz add some Sudha sagarji maharaj photos with Dharya sagar ji maharaj, Gambir sagar ji maharaj
We want Gurudev to return to Bundelkhand. It has been a long time, people r waiting to bow their before them and offer a prey to him.
ya muni shri come to m.p its humbal request