इस अवसर पर कुंडलपुर के बड़े बाबा का दिगंबर जैन समाज के एक महान ऐतिहासिक मांगलिक सुयोग मप्र के बुंदेलखंड की परम पावन धर्म धरा पर देवाधिदेव जिन शिरामणि ‘बड़े बाबा ‘ 1008 भगवान श्री आदिनाथजी की प्राचीन अतिशयी प्रतिमा का दूसरा महामस्तकाभिषेक हो रहा है।
यह भव्य समारोह परम पूज्य छोटे बाबा श्री 108 संत शिरोमणि आचार्यश्री विद्यासागरजी तथा उनके विशाल ससंघ के सान्निध्य में संपन्न हो रहा है। यह पुण्य भूमि श्रीधर केवली की सिद्धभूमि है, जहां 63 छोटे-बड़े मंदिरों का विशाल समूह विद्यमान है।
कुंडलपुर में हजारों श्रद्धालुओं के बीच भारत के डाक विभाग द्वारा संग्रहणीय विशेष आवरण टिकट जारी हुआ। यह आवरण इंदौर के निर्मल कुमार पाटोदी की प्रस्तुति से पूज्य मुनिश्री अभयसागरजी के मार्गदर्शन से साकार हुआ।
सन् 1213 में परम श्रेष्ठ योगीश्वर जैनाचार्य विद्यासागरजी महाराज के गुरु महाराज महाकवि आचार्यश्री ज्ञानसागरजी पर भारत के डाक विभाग की ओर से दिगंबर जैनाचार्य पर पहली डाक टिकट व अन्य सामग्री जारी की गई थी। इसके लिए भी पूज्य मुनिश्री अभयसागरजी महाराज तथा आरके मार्बल के अशोक पाटनी की भूमिका रही है।