कुंडलपुर, (06-06-2016, अनुपमा जैन)। यहां चल रहे महामस्तकाभिषेक महोत्सव के उपलक्ष्य में गत दिनों यहां ‘बड़े बाबा’ भगवान श्री आदिनाथजी की अतिशयी प्रतिमा पर भारतीय डाक विभाग ने विशेष प्रथम दिवस आवरण जारी किया।
यह भव्य समारोह परम पूज्य छोटे बाबा घोर तपस्वी एवं दार्शनिक संत शिरोमणि विद्यासागरजी महामुनिराज तथा उनके विशाल ससंघ के आशीर्वाद के साथ संपन्न हुआ।
प्रस्तावक निर्मलकुमार पाटोदी द्वारा तैयार कराए गए आवरण का विमोचन देश के जाने-माने उद्यमी अशोक पाटनी (आर.के. मार्बल) ने किया। आवरण की प्रथम प्रति निर्मल कुमार पाटोदी के पुत्र आर्थिक सलाहकार अर्पित पाटोदी को भेंट की गई। पाटोदी अस्वस्थता के कारण समारोह में हिस्सा नहीं ले पाए।
इस अवसर पर समाज के विशिष्टजनों के साथ पारस चैनल के प्रमुख पंकज जैन, आयोजन के संयोजक प्रभात जैन (मुंबई), प्रेमचंद प्रेमी (कटनी), श्रीमती सुशीला पाटनी (आर.के. मार्बल), राजा भैया (सूरत), विनोद जैन (बिलासपुर), प्रतिष्ठित बालिका गुरुकुल ‘प्रतिभा स्थली’ विद्यालय की ब्रह्मचारिणी शिक्षिकाएं उषा दीदी, हिन्दू दीदी, सांता दीदी, स्वर्णा दीदी, डाक विभाग के अधिकारीगण और बड़ी तादाद में श्रद्धालु मौजूद थे।
इस अवसर पर आयोजित धर्मसभा में आचार्यश्री ने समाज से सकारात्मक विचारों के साथ आगे बढ़ने का आह्वान करते हुए कहा कि समय हमें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। हमें ऐसे आगे बढ़ना चहिए जिससे सभी का कल्याण हो। जहां जीवकल्याण, परकल्याण की भावना हो, मन, वचन, काय की हिंसा नहीं हो, इन्हीं से समाज में सौहार्द फैलेगा, समाज में समरसता आएगी और हम सभी सही मायने में एकसाथ आगे बढ़ेंगे और ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की अवधारणा को मूर्तरूप दे पाएंगे।
इसी सामूहिक नैतिक बल और दृढ़ इच्छाशक्ति से एक ऐसे समाज की कल्पना साकार हो सकेगी, जहां समाज निर्भय होगा और शेर और बकरी के एक ही घाट पर पानी पीने की कल्पना यथार्थ हो सकेगी।
अवरण का मुख पृष्ठ
आयोजन समिति के अध्यक्ष व उद्योगपति अशोक पाटनी (आर.के. मार्बल) ने इस कदम के लिए विशेष तौर पर डाक विभाग का आभार व्यक्त करते हुए इस अवसर पर कहा कि ‘छोटे बाबा’ की पावन चरण धूलि से ही समूचा वातावरण सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण हो गया है। प्रथम दिवस आवरण इसी भावना का परिचायक है। इस पावन महामस्तकाभिषेक से विशेष तौर पर इस भूमि के कण-कण पर सकारात्मकता और जनकल्याण परिलक्षित हो रहा है। श्रद्धालु एक-दूसरे के साथ कुटुम्ब भावना से मिलकर सेवाभाव से कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसी पावन धरा पर निश्चय ही सरकार द्वारा विशेष डाक आवरण जारी करना स्वागतयोग्य है और समूचा जैन समाज इससे हर्षित है।
अवरण का पिछला पृष्ठ
इस अवसर पर धन्यवाद ज्ञापन में अर्पित पाटोदी ने कहा कि निर्मल कुमार पाटोदी के लिए यह कार्य एक मिशन था। इस परियोजना के प्रस्तावक समाजसेवी निर्मल कुमार पाटोदी के अनुसार इतने अल्प समय में सरकार द्वारा विशेष आवरण जारी करने की घोषणा से समूचा जैन समाज डाक विभाग का विशेष तौर पर आभारी है। इस विशेष आवरण को जारी कराने की भावना मुनिश्री संभवसागरजी महाराज की थी। डाक विभाग के नियमानुसार कोई भी विशेष आवरण सिर्फ एक ही बार जारी होता है।
समारोह आयोजन समिति के उपाध्यक्ष और कुंडलपुर मंदिर समिति के अध्यक्ष संतोष कुमार सिंघई के अनुसार महामस्तकाभिषेक की पावनता के साक्षी बनने और आचार्यश्री के प्रभामंडल से सकारात्मक ऊर्जा से लाभान्वित होने के लिए देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु यहा पहुंच रहे हैं।
समारोह के दौरान प्रतिदिन अनेक धार्मिक, आध्यात्मिक आयोजन और आचार्य विद्यासागरजी के प्रवचन हो रहे हैं जिसमें श्रद्धालु पूरे भक्तिभाव से हिस्सा ले रहे हैं। श्रद्धालुओं के सुखद प्रवास के लिए विशेष प्रबंधों के साथ यहां उनके ठहरने, जल, बिजली और सुरक्षा आदि सभी के लिए खास इंतजाम किए गए हैं।
विशेष आवरण जारी किए जाने के प्रणेता और आचार्यश्री के विद्वान शिष्य मुनिश्री अभयसागरजी के अनुसार इस तरह के फैसलों से समाज में सौहार्द और समरसता आती है और भगवान के अतिशय आशीर्वाद से सभी आह्लादित होते हैं।
इस पवित्र स्थल पर बड़े बाबा की अतिशयकारी प्रतिमा के साथ-साथ यहां पहाड़ी के नीचे स्थित सरोवर के आसपास निकटवर्ती पहाड़ों की मनोहारी प्राकृतिक सुषमा और अध्यात्म से महकते माहौल में 50 से भी अधिक छोटे-बड़े मंदिरों का विशाल समूह विद्यमान है। (साभार : www.vniindia.com)