मंगलवार १७ अगस्त २०१७ को आहार के समय गुरुवर आचार्यश्री विद्यासागरजी महामुनिराज को औषधि दी गई थी। उसके बाद में उन्हें चक्कर आए और गिर पड़े। जैसे ही अशोक पाटनी जी तक दोपहर ढाई बजे ख़बर पहुँची। वे जयपुर के वैद्यराज महावीर जी को साथ में लेकर निजी हेलीकॉप्टर से रामटेक पहुंच गए।
यह गुरुभक्ति का अनुपम, अद्वितीय, अनुकरणीय और सराहनीय उदाहरण है। अशोक जी की इस तत्परता की मैं मन, वचन, काया से आप सभी के साथ अनुमोदना करता हूँ। ऐसे ही पहले भी आचार्य गुरुवर के अस्वस्थ होने की अमरकंटक की या अन्यत्र जगह की ख़बर अशोक जी को मालूम हुई तो आपने बिना विलंब, बिना समय गँवाए जहाँ आचार्य महाराज विराजमान थे वैद्यराज को साथ में ले जाकर गुरु की वयावरती करने में तत्परता दिखाई है। धन्य हैं अशोक जी पाटनी परिवार जो धनपति है परंतु उससे बढ़कर सच्चा गुरु भक्त है, विनम्र सेवक भी है।
अब चलते-फिरते तीर्थंकर सदृश महा ऋषिराज जी का स्वास्थ्य सुधार पर है। नमोस्तु, नमोस्तु, नमोस्तु