आरती संग्रह
श्रीमती सुशीला पाटनी
आर. के. हाऊस, मदनगंज- किशनगढ
महावीर नाम को जप ले भैया
उषा की लाली देख
तिमिर काँप उठा
सूरज की किरण देख के
वह भाग गया
प्रातः उठ कर जिसने
चित्र महावीर का देखा
उसे नयी रोशनी, नया प्रकाश मिला
महावीर नाम को जप ले भैया
तेरी पार हो गयी नैया
तेरी पार हो गयी नैया
वे दया के सागर कृपा सिन्धु
तेरी पार करेंगे नैया
तेरी पार हो गयी नैया
जिस-जिस ने प्रभु को ध्याया
मन वांछित फल पाया
संकट पीडा में नाम प्रभु का
देता बडा सहारा॥ महावीर॥
चन्दनवाला को बन्धन से
किसने आन छुडाया
किसने आकर बोलो उसका
सोया भाग जगाया
प्रभु हुई कृपा चन्दनवाला ने
प्रभुजी को पडगाया॥महावीर॥
सेठ सुदर्शन को सूली से
किसने आन बचाया
अंजन चोर निरंजन बन गया
कैसी तेरी माया
अरे वीर नाम को जपते चालो,
वे ही पार लगैया॥महावीर॥
चाहे कैसा भी संकट या
कैसा ही दुःख होवे
बिगडे न कुछ भक्त हृदय का
बाल ना बाका होवे
बडी शक्ति है प्रभु नाम में तेरे
सारे जग के रखवैया॥महावीर॥
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