श्री दिगम्बर जैन मंदिर डोंगरगांव (छत्तीसगढ़) में आयोजित रविवारीय प्रवचन सभा में दिगम्बर जैन आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने कहा की यह डोंगरगांव बुंदेलखंड का विस्तार है क्योंकि बुंदेलखंड से आकर यहाँ बस गए है लोग आचार्य श्री ने कहा की यहाँ गायों की कमी है ३० % ही दूध होता है ७० % बाहार से आता है जबकि यहाँ जल की कमी नहीं है लोगों को गायों का पालन करना चाहिए | यह “धान का कटोरा ” है | गायें आदि पशुओं का घर में जन्म, मरण होने पर सूतक लगता है | इससे सिद्ध होता है की वह घर के सदस्य जैसे है | शकर का सेवन भी शराब की तरह घातक है | यह विष के सामान है , यह सुझाव शोध के बाद वैज्ञानिको ने दिया है नेचर पत्रिका में कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधार्थो की रिपोर्ट से सिद्ध हुआ है | यह बुखार, मोटापे, हार्ट अटैक की बिमारियों, कैंसर, लीवर आदि से जुडी परेशानियों के लिए जिम्मेदार है | इसे शराब और तम्बाखू की तरह से नियंत्रित करना चाहिए | इस पर भी प्रतिबन्ध लगाना चाहिए | आज अन्तर्जगत की यात्रा कम हो रही है | राग – द्वेष बढ रहे है | हमें इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है | ज्ञात हो की आचार्य श्री का प्रवास चंद्रगिरी में हुआ था ७ माह का इसके बाद विहार चल रहा है |
चंद्रगिरी डोंगरगढ़ में विराजित होने वाली अस्ट धातु की चोबिसी में से चन्द्र प्रभु भगवान की प्रतिमा विराजित करने का सौभाग्य डोंगरगढ़ के चंद्रसेना प्रेसिडेंट श्री सप्रेम जैन को मिला है | यह जानकारी निशांत जैन (निशु) डोंगरगढ़ के द्वारा दी गयी है |
sabhi sadhuo ke chaturmas ki list dale
Tirth chhetra ki rakchha karna apna kartavy he.Achary shri jagmagate nachhatra he. Kotish naman. JIN GURH SAMMPATI HOU MAJJHAM.
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acharyashree ko sat sat naman